Dr. Faheem Ahmad Children's Poems : Hindi Bal Kavita
बाल कविताएं बच्चों के लिए : फहीम अहमद की आसान व छोटी आठ बाल कविताएँ 1. सजा निराली कविता 2. भालू का नाच कविता 3. चींटी की रेल कविता 4. कालू गैंडा कविता 5. रस का मटका कविता 6. खट्टन - पट्टन कविता 7. सिंघाड़ा बाल कविता 8. हाथी का जुकाम बाल कविता। इस आर्टिकल में बच्चों की बाल कविता की प्रसिद्ध कविताएँ है। शिक्षाप्रद और मनोरंजक, रोचक हास्य बाल कविताएँ छोटे बच्चों के लिए। Bal Kavitayen Hindi, Poetry Hindi for kids, Children's Poems, Children's Poetry, Bal Sahitya, Children's Literature in Hindi, Faheem Ahmad Kids Poems in Hindi...
बाल कविता सजा निराली : Hindi Bal Kavit
1. सजा निराली
कालू भालू था झगड़ालू,
खुद को समझे सबसे चालू।
सबको वह डांटे, धमकाए,
तरह-तरह से खूब सताए।
मिली राह में एक गिलहरी,
कुतर रही थी आम दशहरी।
कालू बोला, चल हट छुटकी,
डरी गिलहरी पर न खिसकी।
कालू बोला करके गुस्सा,
अभी खत्म करता हूं किस्सा।
आम छोड़कर भगी गिलहरी,
और पेड़ पर जाकर ठहरी।
कालू दौड़ा उसके पीछे,
आया उसी पेड़ के नीचे।
गिरा पेड़ से बेल टपक कर,
टूटा वह कालू के सिर पर।
उसकी अकल ठिकाने आई,
सजा निराली उसने पाई।
बाल कविता भालू का नाच : Hindi Children's Poem
2. भालू का नाच
भालू राजा ठुमक ठुमक कर
दिखलाते थे नाच।
हा हा ही ही हँसें पेड़ पर
बैठे बन्दर पाँच।
फिसला पैर गिरा तब भालू
टूटा उसका हाथ।
ले भालू को अस्पताल सब
बन्दर पहुँचे साथ
बाल कविता चींटी की रेल : Kids Poems in Hindi
3. चींटी की रेल
चींटी ने पूछा मम्मी से
कैसी होती रेल।
मम्मी बोलीं लम्बी मोटी
सबको ढोती रेल।
चींटी बोली मम्मी देखो
रेल करे आराम।
मम्मी बोली चल हट बुद्ध
वह हैं अजगरराम।
बाल कविता कालू गैंडा : बच्चों की मजेदार बाल कविता
4. कालू गैंडा
कालू गैंडा हट्टा-कट्टा
घर लेकर आया सिलबट्टा।
नींबू, मिर्चा, आम, आँवला
कूट-कूट कर किया इकट्ठा।
मुँह में पानी भर आया जब
बना आचार चटपटा खट्टा।
गैंडा ऊँघा तो अचार, ले
भागा कौआ मार झपट्टा ।
बाल कविता रस का मटका : Short poem in Hindi for Kids
5. रस का मटका
टिल्लू बंदर झट जा पहुँचा
देख पेड़ पे लटका मटका।
होगा इसमें गन्ने का रस
सारा ध्यान उसी पे अटका।
मुँह में पानी भर आया तो
फौरन ही सारा रस गटका।
भरा हुआ था उसमें डीजल
लगा दौड़ने खाकर झटका।
बाल कविता खट्टन - पट्टन : Children's Hindi Literature
6. खट्टन - पट्टन
खट्टन-पट्टन
छीन झपट्टन।
लड्डू लेकर
भागी गुड्डन।
उसके पीछे
दौड़ा छुट्टन।
फिसली गुड्डन
लड्डू फुट्टन।
चूहों ने की
लुट्टम लुट्टन।
बाल कविता सिंघाड़ा : Chhote Bacchon Ke Liye Poem
7. सिंघाड़ा
कालू भालू चढ़ पहाड़ पे
पढ़ने लगा पहाड़ा।
तभी अचानक पीछे आकर
मोटा शेर दहाड़ा।
लुढ़का भालू बिना सवारी
पड़ा न कोई भाड़ा।
जाकर नीचे गिरा ताल में
खाने लगा सिंघाड़ा।
बाल कविता हाथी का जुकाम : Bal Kavita Sankalan
8. हाथी का जुकाम
हाथी का जुकाम डॉक्टर
चूहा करता ठीक।
आई उसी समय हाथी को
बड़े जोर की छींक।
उड़कर दूर जा गिरा चूहा
खाई उसने मात
उसे पड़े लेने के देने
टूट गए दो दांत।
- डॉ. फहीम अहमद
असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज,
संभल, उत्तर प्रदेश
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