पाँच बाल कविताएँ : Hindi Poems for Children | बच्चों की कविताएं

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Poems for Children : Hindi Bal Kavita - Short Bal Kavita In Hindi by Dr. Faheem Ahmad

Short Bal Kavita In Hindi by Dr. Faheem Ahmad

पाँच बाल कविताएँ : बच्चों के भाषाई कौशल के विकास के लिए बाल मनोविज्ञान के अनुसार बाल कविता महत्वपूर्ण होता है। बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त बाल कविता, कहानी ऐसी कई जानकारियां उपलब्ध कराती है जो मनोरंजक होने के साथ ज्ञानवर्धक भी होता है। इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं पाँच बाल कविताएँ 1. बाल कविता गरमी के दिन 2. पंख अगर उग आएँ बाल कविता 3. बाल कविता जादूगर से मेरे पापा 4. मूंगफली पर बाल कविता 5. काले जामुन पर बाल कविता।

बाल कविता  बच्चों को इसलिए सरल लगती है क्योंकि बाल कविता बच्चों के आसपास के घटनाओं से सम्बंधित होने के कारण। बच्चों में बाल कविता से क्षमता बढ़ता है और बाल कविता में दिए रँगीन चित्र बच्चो को आकर्षित करता ही है। बाल साहित्यकार डॉ. फहीम अहमद की ये पाँच बाल कविताएँ पढ़े और जरूर साझा करें। बाल साहित्य के विषय पर हिन्दी की बाल कविताएँ छोटे बच्चों के लिए बाल कविताएँ बच्चों के मनोविज्ञान के अनुरूप है। मजेदार बच्चों की बाल कविता, बच्चो की बाल कविताएं, शिक्षाप्रद बाल कविताएं 1 से 10 तक सभी कक्षाओं के छात्रों को पसंद आएंगे।

Five Poems For Children in Hindi : 5 Hindi Bal Kavitayen

Poem on Summer Season in Hindi - Bal Kavita Garmi Ke Din : गर्मी पर कविता गर्मी के दिन

Poem on Summer Season in Hindi

1. गरमी के दिन


मुझे बहुत अच्छे लगते हैं,

ये गरमी के दिन।

इस मौसम में नाच उठे मन,

ताक धिना धिन धिन।।


जितना ज्यादा बहे पसीना,

उतना है शरबत।

अलसाए तन-मन को नींबू

पानी दे हरकत।


प्यास बुझाते ककड़ी खीरा,

खरबूजे के सँग।

मनभावन तरबूज लीचियाँ,

मन में भरे उमंग।।


दिन में दस-दस बार नहाएँ

नहीं डाँटती मम्मी।

कुल्फी आइसक्रीम प्यार से,

आकर लेती चुम्मी।।


मन भर खेलें खेल कबड्डी,

चाहे कूदें रस्सी।

खेलकूद कर जब थक जाएँ,

करती स्वागत लस्सी।।


धमाचौकड़ी वाले दिन हैं,

किस्सों वाली रातें।

सचमुच गरमी देती सबको,

प्यार भरी सौगातें।


Bal Geet Pankh Agar Ug Aaye : बच्चों के लिए हिंदी कविता पंख अगर उग आएँ

Bal Geet Pankh Agar Ug Aaye

2. पंख अगर उग आएँ


अगर हमारे परियों जैसे,

पंख कभी उग आएँ।

चिड़ियों जैसे चहक उठें हम,

उड़ विद्यालय जाएँ।


इतने ऊँचे उड़ जाएँ हम,

चाँद-सितारे छू लें।

सैर करें हम देश-देश की,

और हवा में झूलें।


चीलों से हम दौड़ मिलाएँ,

उड़ कर ऊँचे-ऊँचे।

चींटी जैसे लोग दिखें,

हम जब भी देखें नीचे।


बागों में हम घुस जाएँ तो,

तोड़ फलों को खाएँ।

माली काका दौड़ाएँ तो,

हम झटपट उड़ जाएँ।


क्रिकेट खेलें तो उड़-उड़कर,

कैच पकड़ लें सारे।

रन आउट कर सके न कोई

मैच कभी ना हारें।


Jadugar Se Mere Papa Bal Kavita : बाल कविता जादूगर से मेरे पापा

Jadugar Se Mere Papa Bal Kavita

3. जादूगर से मेरे पापा


तेज धूप में छाया जैसे, 

मुझको लगते मेरे पापा।

अंधकार में चंदा जैसे,

सदा चमकते मेरे पापा।

कांटों भरी डगर आए तो,

फूलों-सा बिछ जाते पापा।

दिल का सारा दुख पी जाते,

लेकिन हमें हंसाते पापा।

घर भर की सारी फरमाइश,

झटपट पूरी करते पापा।

जो कुछ मांगें, पल में हाजिर,

जादूगर से लगते पापा।

जो भी सपने देखें हम सब,

उनको पंख लगाते पापा।

उंगली पकड़ चलें हम जब भी,

मंजिल तक पहुंचाते पापा।

हम हैं कठिन सवालों जैसे,

हर सवाल का हल हैं पापा।

जीवन की मुश्किल घड़ियों में,

खुशियों वाला पल हैं पापा।


Bal Kavita Mungfali : बाल कविता मूंगफली - मूंगफली का गीत

Bal Kavita Mungfali

4. मूंगफली


कितनी प्यारी मूंगफली,

सबसे न्यारी मूंगफली।


लकड़ी के घर में रहती,

राजकुमारी मूंगफली।


खस्ता स्वाद निराला है,

भुनी करारी मूंगफली।


मुन्नू बोला मम्मी से,

खा लूं सारी मूंगफली।


पिस्ता-काजू फीके हैं,

सब पर भारी मूंगफली।


बादाम, अखरोटों से,

कभी न हारी मूंगफली।


छोटे संग बड़ों की भी,

बनी दुलारी मूंगफली।


दादी पीस पीस खाएं,

कहें हमारी मूंगफली।


खुशी बांटना जाड़ों भर

रखती जारी मूंगफली।।


Bal Kavita on Black Berry : Kaale Jaamun Par Kavita - काले जामुन पर बाल कविता

Baal Kavita on Black Berry

5. काले जामुन


लो फिर आए काले जामुन,

रस से भरे निराले जामुन।

पेड़ लगाकर दादाजी ने,

बड़े जतन से पाले जामुन।

स्वाद अनूठा दिल छू जाए,

खाओ बैठे-ठाले जामुन।

मुंह में पानी भर आया तो

मुंह के करो हवाले जामुन।

झर-झर झरे पेड़ से देखो,

कब तक डाल सम्हाले जामुन।

बच्चे करते छीना झपटी,

तू भी दौड़, उठा ले जामुन।

जीभ गवाही दे ही देगी,

जितनी मर्जी खा ले जामुन।

जी भर खाओ, मौज मनाओ,

सेहत के रखवाले जामुन।


डॉ. फहीम अहमद

असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज,

संभल, उत्तर प्रदेश

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