हिंदी बाल कविता : हाथी पर सुंदर कविता घुमक्कड़ हाथी

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem On Elephant In Hindi : Bal Kavita Ghumakkad Hathi

Poem On Elephant In Hindi

बाल कविता घुमक्कड़ हाथी : कविता कोश में आपके लिए अशोक श्रीवास्तव "कुमुद" की काव्य संग्रह 'नटखट चुनमुन' से बच्चों के लिए हाथी पर सुंदर कविता "घुमक्कड़ हाथी", बाल कविता घुमक्कड़ हाथी पढ़े और साझा करें। Hathi Par Kavita In Hindi Ghumakkad Hathi..

घुमक्कड़ हाथी

दिन भर घूमे हाथी राजा,

              बेमकसद बेख्याल।

निपट अकेले झेले हथिनी, 

               घर बाहर जंजाल।।

   

गई मायके हथिनी रानी,

                 हाथी से हो तंग।

नहीं लौट कर आऊंगी मैं,

                  नहीं रहूंगी संग।।


बिन हथिनी के हाथी राजा,

                   जीवन था बेज़ार।

हथिनी बिना भूत सा लागे,

                  हाथी को संसार।।


बार बार पछताये हाथी,

                   हाल हुआ बदहाल। 

रो रो कर अब घर में बच्चे,

                   दिन भर करे बवाल।।


होटल में खा खा कर खाना,

                 हाथी था बीमार।

दुबला हाथी चला न जाये,

                 मदद हुई दरकार।।


चुनमुन ने समझाया जाकर, 

                 हाथी पकड़ो कान।

बेमकसद आवारागर्दी,

                  नहीं करो श्रीमान।।


छोड़ छाड़ के बैठकबाजी,

                जाओ तुम ससुराल।

करा बिदाई ले घर आओ,

                हथिनी को तत्काल।।


चले मनाने हथिनी को फिर,

                      हाथी हो तैयार।

मना मना कर हथिनी लाए,

                   फिर अपने घर बार।।

- अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"

राजरूपपुर, प्रयागराज

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