शिक्षक दिवस पर कविता : मैं जो टीचर होता | Shikshak Diwas Par Bal Kavita

Dr. Mulla Adam Ali
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Children's Poem on Teachers Day in Hindi : Shikshak Diwas Par Bal Kavita

Shikshak Diwas Par Bal Kavita

शिक्षक दिवस पर बाल कविता "मैं जो टीचर होता" : बच्चों के जीवन में माता पिता के बाद महत्वपूर्ण स्थान गुरु या टीचर को दिया जाता है। बच्चों के भविष्य निर्माण में अध्यापक की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए हर साल शिक्षकों के सम्मान और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए 5 सितंबर को पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस शिक्षक दिवस पर डॉ. फहीम अहमद की बाल कविता मैं जो टीचर होता पढ़िए और शेयर कीजिए। पूरे दुनियाभर में 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस भी मनाया जाता है। 5 October 2025 World Teachers' Day, Poem on Teacher's Day in Hindi, 5 September 2025 Teachers Day Poem in Hindi, Shikshak Diwas Par Kavita in Hindi...

5 September Poetry

मैं जो टीचर होता


अगर कहीं स्कूल में अपने

मैं जो टीचर होता ।


हँसकर करता बातचीत मैं,

बच्चे हँसते सारे।

हर बच्चा उड़ता चिड़िया सा

छूता चाँद सितारे।


मैं कोशिश करता कि बच्चा

बने न रटूटू तोता।


धमा चौकड़ी पर न होती

कोई भी पाबन्दी।

हँसी ठहाकों को कक्षा में 

मिलती नई बुलंदी।


छड़ी न होती पास तो कोई

बच्चा कभी न रोता।


रोज नए चुटकुले, पहेली,

कविता और कहानी।

सुनता हर बच्चे के मन की

बातें सब अनजानी।


हँसी-खुशी के सागर में

सबको लगवाता गोता।


- डॉ. फहीम अहमद

असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज,

संभल, उत्तर प्रदेश

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