Patang Kavita : Best Poem on Kite in Hindi
पतंग पर कविता : पतंग के विषय पर बेहतरीन हिन्दी बाल कविताएँ 1. वह पतंग जल्दी उड़ जाए 2. पतंग लहराए। फहीम अहमद की कविताएं बच्चों के लिए पतंग के विषय पर विशेष बाल कविताएं हिंदी में। बाल साहित्यकार फहीम अहमद ने इस कविता के माध्यम से पतंग उड़ाने वाले बच्चों कि मानसिकता को उजागर किया, पतंग पर रोचक कविता पतंग बच्चों को बहुत आकर्षित करते हैं, इन्हें पतंग उड़ने और लुटने में बहुत मजा आता हैं। इस आर्टिकल में पतंग पर दो बाल कविताएं दिए गए हैं। आइए पढ़ते हैं पतंग पर कविताएं। Dr. Faheem Ahmad Poem on Kite in Hindi, Patang Bal Kavita In Hindi..
बाल कविता वह पतंग जल्दी उड़ जाए : Children's Poem on Kite in Hindi - Vah Patang Bal Kavita
1. वह पतंग जल्दी उड़ जाए
संग हमारे खेला करते,
रोज़ हमारे चाचा फन्ने।
आँखों पर है मोटा चश्मा,
होठों पर मुस्कान निराली।
माथे पर हैं कई सिलवटें,
सूरत उनकी भोली-भाली।
जीवन है उनका किताब-सा
रंग-बिरंगे जिसके पन्ने।
जब भी मौका मिले कूदकर,
मुन्नी उनके लदे घुड़इयाँ।
वह पतंग जल्दी उड़ जाए,
चाचा दे दें जिसे छुड़इयाँ।
टूटे जितनी बार बाँधते,
चाचा खुद पतंग के कन्ने।
जेबों से निकालकर बाँटें,
लइया, मूँगफली के दाने।
भुने चने जब दें हमको वे,
लगें तालियाँ सभी बजाने।
खुश हो जाते जब वे बाँटें,
हमको ख़ूब रसीले गन्ने।
बाल कविता पतंग लहराए : Kids Poem on Kite in Hindi - Bal Kavita Patanag Lahraye in Hindi
2. पतंग लहराए
चिड़िया-सी पतंग लहराए,
फर- फर- फर।
उंगली थाम डोर की चल दी,
खुले गगन की ओर।
साथ हवा के नाच दिखाए,
जैसे कोई मोर ।
आसमान को गीत सुनाए,
फर- फर- फर।
मुड़ती जाती उधर हवा का,
मिलता जिधर बहाव।
बादल की नदिया में गोते,
लगा रही ज्यों नाव।
हिचकोले खा बढ़ती जाए,
फर- फर- फर।
नन्ही परी सरीखी उड़ती,
खुशियां लेकर साथ।
इंद्रधनुष के गांव पहुंचकर,
पकड़े उसका हाथ।
हंस हंसकर उससे बतियाए,
फर- फर- फर।
- डॉ. फहीम अहमद
असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज,
संभल, उत्तर प्रदेश
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