Poem on Importance of Hindi Language
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जबान की भाषा
देश को हिन्दी, एक मीठी बुन्दी।
नीम का पत्ता खाते-खाते कैसे
मधुर हो जाता है, वैसे ही हिन्दी भी,
एक रस मधुर और खूबसूरत भाषा है।
यह सीख लिये तो, सारा उत्तर भारत
आसानी से घूम सकते हैं।
केवल उत्तर ही नहीं, दक्षिण भारत
भी शैर कर सकते हैं।
सिंध से पैदा हुआ हिन्दू,
हिन्दू से पैदा हुआ हिन्दी।
इस के पिता देवनागरी लिपि,
माता शारदा लिपि, दोनों का.....
तालमेल से उपज हुआ हिन्दी भाषा।
हिन्दी उर्दू दोनों बहनें हैं,
बोज, अवधी, ब्रज, किचडी
आदि हिन्दी के अन्य सदस्या है
हिन्दी साहित्य गगन में....
तुलसी और सूरदास सूर्य, चन्द्र है
ध्रुव तारा कबीरदास है।
बच्चन, मैथलीशरण गुप्त,
जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत,
निराला, दिनकर, विद्यापति, रहीम
रसखान आदि साहित्य गगन
के तारे हैं। सब के जबान में,
हिन्दी नदी बहाते रहना ही
मेरा खास अरमान है।
- बी. सोमेश्वर राव
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