राष्ट्रभाषा हिन्दी पर कविता : Rashtrabhasha Hindi Par Kavita
Poem on Hindi Language : 14 सितंबर राष्ट्रीय हिंदी दिवस और 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस पर विशेष हिंदी भाषा पर रितु वर्मा की कविता "राष्ट्रभाषा", पढ़े और साझा करें।
राष्ट्रभाषा
हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा हैं,
पर न जानें क्यों ? आज ये
बहुतो को बिल्कुल रास न आता है।
कभी नाज करते थे जहाँ सब
अपनी देश की भाषा पर
आज वहाँ न जानें क्यों लोग
विदेशी भाषा को अपना गुरूर समझते हैं।
मैं ये नहीं कहती की जीवन में भाषाओं का ज्ञान न रखे पर
इसका अर्थ यह नहीं कि
अपनी भाषाओं का मान न रखे ।
जबकि अपनी भाषा ही तो अपना शान होना चाहिए।
न जाने क्यों लोग विदेशी भाषा
संस्कृति और रहन-सहन में क्यों इतना डूब रहे....
जबकि हमें य़ह ज्ञात होना चाहिए कि
हमें सबसे पहले अपनी भाषा का सम्मान रखना चाहिए।
विदेशियों को कभी हमने तो
अपनी देश की भाषा को
कभी दूसरे देशों से क्या पीछे रखते देखा है?
जबकि उन्होंने हमेशा ही अपने देश की भाषा को सबसे पहले रखा है।
हर पल उन्होंने अपने देश की भाषा को अपना गौरव बताया है।
जबकि हमारे देश में तो
किसी खास दिन पर अपनी भाषा को अपना गौरव बताया जाता है।
और दिनों में तो अपनी भाषा ही बोलने में संकोच महसूस
किया जाता है।
जिस भाषा को हमें नित्य सम्मान देना चाहिए।
उस भाषा को हमने अब किसी खास दिन की तरह सम्मान बस दे रहे।
- रितु वर्मा
नई दिल्ली
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