Ritu Verma Ki kavita Baatein : Hindi Kavita Baatein
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बातें : Baatein Kavita
बहुत सी बातें तुम से कहने को
मेरा जी ये चाहता है।
हाथों में तेरा हाथ थाम के
साथ चलने को ये चाहता है।
माना कि हम कह नहीं पाते
पर ऐसा नहीं की साथ नहीं चाहते।
पर न जाने क्यूँ इस मन को
एक डर सा हर पल रहता है,
बढ़ी जो मैं एक कदम तो
तुम दो कदम पीछे न हो जाओ।
सोचकर बस मन घबराता है।
कभी-कभी जब तुम मेरे
हिम्मत से बन जाते हो।
ऐसा लगता है उस पल में
शायद तुम मुझे समझ रहे..
मन को ऐसा लगता है।
फिर भी न जाने क्यों?
इस मन को एक डर सा
हर पल रहता हैं।
- रितु वर्मा
नई दिल्ली
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