Kavita Gubbare Wala in Hindi : Ashok Srivastava 'Kumud'Poetry
बाल कविता गुब्बारे वाला : अशोक श्रीवास्तव "कुमुद" की नवीन बाल काव्य संग्रह "नटखट चुनमुन " से बच्चों के लिए रचना गुब्बारे वाला, हिंदी बाल कविता गुब्बारे वाला, रंग बिरंगे गुब्बारे कविता, Kavita Gubbare Wala, Kids Poems in Hindi..
गुब्बारे वाला बाल कविता : Children's Poem Gubbare Wala in Hindi
गुब्बारे वाला
चुन्नी मुन्नी गुड़िया माला,
मुन्नू देख हुआ मतवाला,
देख खुशी से झूमे बच्चे;
आया फिर गुब्बारे वाला।
गली मुहल्ला शोर मचाता,
गुब्बारे लेकर जब आता,
आओ बच्चों जल्दी आओ;
खतम हो रहे कहता जाता।
तरह-तरह से दे आवाजे,
आए दरवाजे दरवाजे,
देख देख बच्चे लल चाये;
मम्मी से सब करें तकाजे।
कुछ लम्बा कुछ गोला वाला,
सुन्दर प्यारा बड़ा निराला,
हरा गुलाबी लाल बैंगनी;
कुछ सफेद कुछ नीला काला।
सभी मनोहर सभी निराला,
लो सब दो दो रुपये वाला,
सुबह-शाम आवाज लगाता;
ले जाओ गुब्बारा आला।
गुड़िया लेती हरदम पीला,
मुनिया को भाये पर नीला,
चुन्नू लेता रंग बिरंगा;
दौड़ रहीं ले सुधा शकीला।
दौड़े मुन्नी दौड़े माला,
दौड़े असलम भोला भाला,
गुब्बारों को कस कर पकड़े;
दौड़ लगाते बच्चू लाला।
- अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
राजरूपपुर, प्रयागराज
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