मेरी किलकारी कविता : Meri Kilkari Poem by Faheem Ahmad

Dr. Mulla Adam Ali
0

Meri Kilkari Poem by Faheem Ahmad : Hindi Bal Kavita

Meri Kilkari Kavita in Hindi

मेरी किलकारी कविता : फहीम अहमद की बाल कविता मेरी किलकारी, हिंदी बाल कविताएँ, बच्चों के लिए कविता, हिंदी बाल गीत, कविता इन हिंदी, Bal Kavita, Hindi Bal Geet, Children's Poetry, Hindi Kids Poems, Children's Poem in Hindi...

मेरी किलकारी बाल कविता : Meri Kilkari Kavita in Hindi

मेरी किलकारी

खिले गुलाबों जैसी प्यारी

है मेरी किलकारी।


डोला करती हूँ आंगन में,

बनकर चंचल तितली।

मैं हँसती तो दांत चमकते

चमचम जैसे बिजली।

दादी कहतीं बिटिया मेरे

आंगन की फुलवारी।


मैं बोलूँ तो दादाजी झट,

बन जाते हैं जोकर।

मुझे हँसाते, खुद गिर जाते,

यूँ ही खाकर ठोकर।


दादा बनते घोड़ा तो मैं,

करती खूब सवारी।

पापा मुझको कहते गुड़ियाँ,

चाची कहतीं रानी।

मम्मी बोलें मेरी बिट्टो

की मुस्कान सुहानी।


बाँहूँ मैं पूरी दुनिया को,

खुशियाँ मीठी प्यारी।

- डॉ. फहीम अहमद
असिस्टेंट प्रोफेसर,हिंदी विभाग,
महात्मा गांधी मेमोरियल पीजी कॉलेज,
सम्भल (उत्तर प्रदेश) 244302
drfaheem807@gmail.com

ये भी पढ़ें; गुब्बारे वाला कविता : Kavita Gubbare Wala in Hindi | हिन्दी कविता

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top