Poem on Broken Relationship in Hindi : Ritu Verma Poetry in Hindi
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Poem on Broken Relationship in Hindi : कविता टूटा हुआ रिश्ता
टूटा हुआ रिश्ता
टूटा हुआ रिश्ता अक्सर
रेत सा फिसल जाता है।
पहल जब समझने की दोनों
ओर से न हो तो
सब कुछ बदल जाता है।
निकालते रहते है दोनों
एक-दूजे की कमियों को
और रिश्ता यूँही रेत सा
फिसल सा जाता है।
ना कोई रूठना ना कोई मनाना
बिना बात एक-दूसरे पर
सवाल उठाना बस यही रह जाता है।
जब कड़वाहट की बीज रिश्तों में
बेबाक बो दी जाती है ,
तो रिश्तों में हर ओर बस कड़वाहट ही नजर आती हैं।
आसान नहीं होता यू रिश्ते को
प्यार से सीचते रहना।
इसे सीचने के लिए तो एक उम्र निकल जाती हैं।
थोड़ा-थोड़ा साथ बढ़ाकर
रिश्ते निभाने कि एक
पहल करनी पड़ती हैं।
मन हो या ना हो उन रिश्ते को
निभाने के लिए
बेज़ान चल रहे रिश्तों में भी
एक जान भरनी पड़ती हैं।
ध्यान रखना पड़ता है
उन दोनों शख्स को अपने
रिश्तों के इस पल्ले में
एक भी पल्ला ऊपर-नीचे न हो जाए
इसलिए दोनों को बराबर ध्यान देनी पड़ती हैं।
- रितु वर्मा
नई दिल्ली
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