Kisan Par Kavita : Farmer Poem Hindi - Dr. Parashuram Shukla Poem on Farmer
किसान के विषय पर बेहतरीन कविता : किसान के विषय पर बेहतरीन एक कविता किसान के नाम, भारतीय किसान पर, अन्नदाता किसान पर विशेष हिंदी कविता, बेस्ट किसान पर कविता, फार्मर पर कविता, डॉ. परशुराम शुक्ल की कविता किसान जीवन पर, Bhartiya Kisan Par Kavita, Poem on Farmer in Hindi, Kisan Kavita in Hindi, Dr. Parshuram Shukla Poems in Hindi...
Kisan Par Kavita : Farmer Hindi Poem
किसान
मानवता का सच्चा सेवक,
श्रम से गहरा नाता,
सहकर सर्दी, गर्मी, वर्षा,
फसलें सदा उगाता,
गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा,
जो कुछ घर में आता,
दालें, सब्जी और मसाले,
सब किसान उपजाता,
दूर शहर से छोटे-छोटे
गाँवों में यह रहता,
सहता जीवन भर अभाव पर,
कभी नहीं कुछ कहता,
देश धर्म की रक्षा करता,
परम्परा का ज्ञाता,
नैतिकता को धर्म मानकर,
अपना धर्म निभाता,
खुद रूखा सूखा खाता है,
सब जग को दे देता,
नहीं लिखा किस्मत में मेरी,
मन को समझा लेता,
ईश्वर की इच्छा पर निर्भर,
है किसान की खेती,
कभी-कभी भोले किसान को,
यह भारी दुख देती,
जीव-जन्तु, जंगल के पक्षी,
सब उत्पात मचाते,
ओले सूखा अतिवर्षा भी,
फसल नष्ट कर जाते,
भोला-भाला प्रकृति पुत्र यह,
समझ नहीं कुछ पाता,
फसल अगर बरबाद हुई तो,
बिना मौत मर जाता,
मानव की सेवा करके यह,
मानव धर्म निभाता,
लेकिन बदले में मानव से,
कभी नहीं कुछ पाता,
इसके बारे में कुछ सोचो,
सत्ता को समझाओ,
श्रम साधक सच्चे मानव का,
जीवन सफल बनाओ,
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
ये भी पढ़ें; Hindi Kavita : Ek Kisan Ki Vyatha - एक किसान की व्यथा