Dr. Mulla Adam Ali Poetry in Hindi : Meri Apni Kavitayen
मेरी दो कविताएं : समय के खेल में और चलो आज हमनें तुम्हें इश्क में आजाद कर दिया। डॉ. मुल्ला आदम अली की कविताएं हिंदी में। हिंदी कविता, कविता कोश, Hindi Kavita, Poetry in Hindi, Hindi Poems by Dr. Mulla Adam Ali..
Hindi Kavita "Samay Ke Khel Mein" : समय के खेल में हिंदी कविता
समय के खेल में
समय के खेल में
कब हम उलझते चले जाते है।
हमें ये ज्ञात भी नहीं होता है,
और वो आगे कि ओर
बस बढ़ते चला जाता है।
हम उसके साथ चले तो ठीक है
वरना वो अपनी रफ्तार में चलते
चला जाता है।
वो जानता है बखूबी अकेले चलना इसलिए अपने धुन में वो
मदमस्त सा रहता हैं।
वो जानता है अपनी कीमत
इसलिए खुद को क़ीमती समझता है।
जानता है लोगों को है,
उसकी जरूरत होती ही रहती
इसलिए इत्मिनान से वो बेधड़क
आगे की ओर
बस बढ़ता चला जाता हैं।
ना किसी के साथ की अरमान लगाए
बस अपने ही धुन में मस्तमौला बनकर फिरते चला जाता हैं।
Poetry in Hindi Chalo Aaj Humne Tumhe Ishq Mein Azad Kar Diya : चलो आज हमनें तुम्हें इश्क में आजाद कर दिया हिंदी कविता
इश्क में आजाद कर दिया
चलो आज हमनें तुम्हें इश्क में आजाद कर दिया।
जो तुम्हें मंजूर है,उसे ही कबूल कर लिया।
हमने चाहा है इश्क में तुम्हारा उम्र भर का साथ।
पर तुम्हें यह बात पसंद आए या ना आए
इसलिए खुद को खामोश कर लिया।
देखा था पहली दफा मैंने तुम्हें वीडियो कॉल पर जब
तब तुम्हारी नादानियों और शरारतों ने उस पल
मन में घर कर लिया।
हमें नहीं मालूम था कि ये साथ
उम्र भर के लिए होगा या कुछ पल के लिए
पर जो तुमने कहा उसे ही मैंने कबूल कर लिया।
कभी ये न समझना तुम कि प्यार में तुम्हें
अपना वास्ता देकर खुद के पास रख लूंगा।
पर आशा ये जरूर रखूंगा कि मेरा प्यार
सच्चा होगा तो शायद तुम खुद ही
मेरे पास ठहर जाओगे।
हमने तो सीखा ही नहीं कभी इश्क में
अपने प्यार को कैद करना।
हमनें तो इश्क में उसके खुशी के लिए
उसे भी खुद से आजाद कर दिया।
- डॉ. मुल्ला आदम अली
तिरूपति, आंध्र प्रदेश
ये भी पढ़ें;