Dr. Girirajsharan Agarwal Poetry on Save Environment in Hindi
पर्यावरण संरक्षण पर कविता : पर्यावरण के बिना मानव जीवन असंभव है, मानव प्रकृति का एक हिस्सा है और इंसान को प्रकृति का संरक्षण करना प्रथम कर्तव्य है। पर्यावरण संरक्षण हमारा कर्तव्य है। आज आपके लिए पर्यावरण संरक्षण पर डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल जी द्वारा लिखी गई कविता "पर्यावरण बचाना होगा", लेकर आए हैं। पर्यावरण पर कविता, प्रकृति कविता पर्यावरण बचाना होगा, Dr. G. S. Agarwal Poetry in Hindi, Poem on Environment in Hindi, Paryavaran Par Kavita Paryavaran Bachana Hoga, Dr. Girirajsharan Agarwal Poetry in Hindi...
Paryavaran Par Kavita : Poem on Environment in Hindi
पर्यावरण बचाना होगा
जीवन अगर बचाना है तो
पर्यावरण बचाना होगा
अगर प्रदूषित करते इसको
उसका मोल चुकाना होगा।
धुआँ बढ़ रहा, साँस घुट रही
जनजीवन की आस छुट रही-
मानवता बच पाए कैसे
हथियारों की भीड़ जुट रही
धुआँ धूल फैलाने वाले
यंत्रों को हटवाना होगा।
जल जीवन हैं, जीवन जल है
इसके बिना व्यर्थ भूतल है
अगर प्रदूषित किया नदी को
हो जाएगा जीवन असफल है।
नदियों में फैले कचरे को
मिलकर साफ कराना होगा
अपना स्वार्थ पूर्ण का करने को
घने वृक्ष हम काट रहे हैं
जो धरती की प्यास बुझाते
तालाबों को पाट रहे हैं
जल - संकट से कभी न जूझें
ऐसा पथ अपनाना होगा
- डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल
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