Poem on Vinoba Bhave in Hindi : Vinoba Bhave Kavita in Hindi
Poem on Vinoba Bhave : प्रसिद्ध गांधीवादी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, भूदान आंदोलन के प्रणेता और स्वतंत्रता सेनानी विनोबा भावे को समर्पित कविता "विश्व शांति के दूत विनोबा", विनोबा भावे का मूलनाम विनायक नरहरि भावे था। विनोबा भावे जन्मदिन पर विशेष कविता, विनोबा भावे पर कविताएं, विनोबा भावे हिंदी कविता, विनोबा भावे जयंती पर कविता, पोएम विनोबा भावे, विनोबा भावे के लिए एक कविता विश्व शांति के दूत विनोबा, Vinoba Bhave Kavita Hindi, Hindi Poem Vinoba Bhave, Kavita Vinoba Bhave, Vinoba Bhave Poetry in Hindi, Poetry on Vinoba Bhave in Hindi...
Poem on Vinoba Bhave : Vinoba Bhave Par Kavita
विश्व शांति के दूत विनोबा !
विश्व शान्ति के दूत, विनोबा ! तुम्हें प्रणाम् !
सर्वोदय- अवधूत ! विनोबा ! तुम्हें प्रणाम् !
नई क्रान्ति के सूत्रधार है !
मरती मानवता के प्राण !
वाणी से तुम सुधा-वृष्टि कर
करने आए जग-कल्याण !
नव-समाज के निर्माता योगी निष्काम !
सर्वोदय अवधूत विनोबा ! तुम्हें प्रणाम् !
जिधर तुम्हारे पद पड़ते थे
उधर बिखरता था आलोक ।
धुल जाता था कलुष हृदय का
मानवता होती गत-शोक ।
हे नवयुग के विमल विभाकर तुम्हें प्रणाम् !
सर्वोदय- अवधूत विनोबा ! तुम्हें प्रणाम् !
भौतिकता-पथ हिंसा-मूलक
जीवन में नित धन की होड़
यहाँ लगी है, कोलाहल है
तुम्हीं सके इस पथ को मोड़।
मंगल मय जग करने वाले तुम्हें प्रणाम् ।
सर्वोदय- अवधूत विनोबा ! तुम्हें प्रणाम् ।
धूम धूम कर तुम कुटियों को
देते चलते थे उत्कर्ष !
अहे भूमि के भिक्षुक ! घर-घर
बाँट गए, दुखियों को हर्ष !
स्वर्ग ग्राम में लाने वाले तुम्हें प्रणाम् !
सर्वोदय- अवधूत विनोबा ! तुम्हें प्रणाम् !
विमल सम्यता-पथ दिखलाया
जिससे हो दानवता का अन्त ।
नैतिक आदर्शों का गढ़कर
दृढ आधार बिनोबा संत !
साम्य धरा पर लाने वाले तुम्हें प्रणाम् !
सर्वोदय - अवधूत विनोबा ! तुम्हें प्रणाम् !
- रामगोपाल शर्मा 'दिनेश'
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