Children Poem on Diwali Festival
Deepawali Bal Kavita
दिवाली पर बाल कविता : दीपावली पर छोटी हिन्दी कविताएं, दिवाली 2024 बाल कविताएं, दीपावली पर बाल कविताएं, दीपों का त्यौहार दीवाली पर जल उठे दीप बाल कविता, दीपावली पर छोटी हिन्दी कविताएं, छोटे बच्चों के लिए दिवाली पर कविताएं, Poem on Diwali, Festival of Light's Deepawali Poems in Hindi, Kids Poems on Diwali, Bal Kavita on Deepawali in Hindi, Diwali Poems 2024, Children's Poetry, Hindi Bal Kavitayen Diwali...
Bal Kavita on Diwali Festival : Deepawali Poem
जल उठे दीप
देखो - देखो आई दीवाली
जगमग - जगमग दीप जले।
डरकर भागा घना अंधेरा,
जब दीपो के फूल खिले।
लड्डू, बर्फी, पेडा, रसगुल्ला
चुन्नु - मुन्नु मजे से खाये।
अनार, फुलझड़ी बड़े पटाखें
ताली बजा - बजा जलाये।
मम्मी - पापा, दादा - दादी
सब मिलकर पूजा करते।
हाथ जोड़कर नमन करें सब
ईश्वर हम सबके दुख हरते।
रोशनी का त्यौहार दीवाली
खुशियां लेकर आता है।
सुख - समृध्दि से जीवन भर दे
सबके मन को भाता है।
- निधि "मानसिंह"
कैथल, हरियाणा
ये भी पढ़ें; दीपावली पर विशेष बाल कविता : दीपों की माला