बाबू जी पर निधि मानसिंह की कविता : Babu Ji Hindi Kavita

Dr. Mulla Adam Ali
0

Babu Ji Hindi Kavita : Nidhi Mansingh Poetry

Babu Ji Hindi Kavita

बाबू जी हिंदी कविता : हिन्दी बाबू जी कविता, हिंदी कविता बाबू जी, निधि मानसिंह की कविताएं, हिंदी कविता कोश, ससुर पर बेहतरीन कविता बाबू जी, ससुर जी हमारे हिंदी कविता। Poem on Babu Ji, My Father In Law Hindi Poem, Hindi Kavita Babu Ji, Nidhi Mansingh Poetry in Hindi, Hindi Kavita Kosh, Sasur Par Kavita, Hindi Poetry...

बाबू जी


वो, मेरे ससुर है लेकिन मुझे

पापा से बड़के प्यार करते हैं।

बहू तो कभी समझा ही नही

बेटी से भी ज्यादा समझते हैं।

****************'******

सुबह - शाम वो सैर को जाते

पंछियों को दाना खिलाते।

अखबार पढे आंगन मे बैठ

एकदम कड़क चाय बनवाते।

***********************

जब मै! उनको बाबू जी कहती

सुनकर खुश हो जाते हैं।

लक्ष्मी है तू घर की मेरी

कहकर आशीर्वाद लुटाते है।

*********************

कर्मोंवाली हूँ मै! जो मैने

ऐसे बाबू जी जी पाये।

वो है पालनहार हमारे

हम बच्चे तो उनके साये।


- निधि 'मानसिंह'

कैथल हरियाणा

ये भी पढ़ें; बुजुर्गों के सम्मान पर रितु वर्मा की कविता : Bujurgon Ka Samman Par Kavita

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top