Poem on World Hindi Day 2025 : International Hindi Day Poem in Hindi
विश्व हिंदी दिवस पर कविता
हिंदी अब भारत की नहीं बल्कि विश्व भाषा बन चुकी है इसलिए प्रति वर्ष 10 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, आज कविता कोश में विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर हिंदी कविता रुके उपेक्षा हिन्दी की अब, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर कविता रुके उपेक्षा हिन्दी की अब, Poem on Hindi Day, vishwa Hindi Diwas 2025 Poetry, World Hindi Day Kavita 2025, International Hindi Day 2025 Poem in hindi, Hindi Diwas Kavita, Poem on Hindi Language, Kavita Kosh...
रुके उपेक्षा हिन्दी की अब
निज भाषा का मान चाहिए, हिन्दी का अभिमान चाहिए,
रुके उपेक्षा हिन्दी की अब, इसे नया अभियान चाहिए.
अभी अधूरी स्वतंत्रता है-
करे विदेशी भाषा शासन।
बातें ही बातें हिन्दी की,
अंग्रेजी का चले प्रशासन।
हिन्दी ही सबसे पहले अब, जन जन का यह गान चाहिए,
रुके उपेक्षा हिन्दी की अब, इसे नया अभियान चाहिए.
अंग्रेज़ी कर रही राज है,
हमको आती कहाँ लाज है?
राष्ट्र चेतना लुप्त हो गई,
कैसा आया यह स्वराज है?
हिन्दीमय जिससे जीवन हो, वही ज्ञान-विज्ञान चाहिए,
रुके उपेक्षा हिन्दी की अब, इसे नया अभियान चाहिए।
जन भाषा का तिरस्कार है,
संस्कृति पर होता प्रहार है।
नैतिक जीवन के अभाव में,
भ्रष्ट आचरण, अनाचार है।
भाषा-संस्कृति गौरव के हित, नया भाव-उत्थान चाहिए,
रुके उपेक्षा हिन्दी की अब, इसे नया अभियान चाहिए।
हिन्दी का रथ रुके नहीं अब,
साहस का नव कल्प यही हो।
गति भी इसकी शिथिल नहीं हो,
जन जन का संकल्प यही हो।
भाव समर्पण सब में हो - यह, हृत्तन्त्री की तान चाहिए,
रुके उपेक्षा हिन्दी की अब, इसे नया अभियान चाहिए..
- डॉ. वीरेन्द्र शर्मा
ये भी पढ़ें; हिन्दी डे स्पेशल : हिन्दी भाषा की अंतरराष्ट्रीय स्थिति