त्रिलोक सिंह ठकुरेला की पाँच बाल कविताएँ : Bal Kavita In Hindi by Trilok Singh Thakurela

Dr. Mulla Adam Ali
0

Trilok Singh Thakurela Children's Poetry in Hindi : Bal Kavita In Hindi

Trilok Singh Thakurela Children's Poetry

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की पाँच बाल कविताएँ : बच्चों के लिए त्रिलोक सिंह ठकुरेला की पाँच बाल कविताएँ 1. प्रकृति तुम्हारा अभिनन्दन है 2. वृक्ष हमारे जीवनदाता 3. आगे बढ़ते जायेंगे 4. प्यारे और निराले फूल 5. मेरी गुड़िया। छोटे बच्चों के लिए हिन्दी में बाल कविताएं, बाल साहित्य संसार में आज प्रस्तुत है पांच बाल गीत त्रिलोक सिंह ठकुरेला जी द्वारा लिखे गए कविताएं। बाल कविता प्रकृति तुम्हारा अभिनन्दन है, बाल कविता वृक्ष हमारे जीवनदाता, बाल कविता आगे बढ़ते जायेंगे, बाल कविता प्यारे और निराले फूल, बाल कविता मेरी गुड़िया। बाल कविता चित्र सहित हिन्दी में पर्यावरण पर छोटे बच्चों के लिए प्रसिद्ध बाल कविताएँ। प्रेरणादायक हिंदी बाल कविताएं, शिक्षाप्रद बाल कविताएं बच्चों के लिए हिंदी में। Bal Kavita In Hindi by Trilok Singh Thakurela, Hindi Children's Poetry, Kids Poems in Hindi, Bal Kavita In Hindi, Bal Geet in Hindi, Hindi Bal Sahitya Sansar, Kavita Kosh in Hindi...

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की पाँच बाल कविताएँ : Trilok Singh Thakurela Poetry for Kids

Poem on Nature in Hindi

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की बाल कविता बच्चों के लिए प्रकृति तुम्हारा अभिनन्दन है, प्रकृति पर हिंदी बाल कविता। प्रकृति का संरक्षण हमारा कर्तव्य है, मानव प्रकृति का एक हिस्सा है, प्रकृति के बिना मानव जीवन असंभव है इसलिए समस्त प्राणी प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह कविता समर्पित है जो खासकर छोटे बच्चों में प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रकृति का महत्व बताते हुए लिखी गई है। बाल कविता प्रकृति तुम्हारा अभिनन्दन है। Poem on Nature in Hindi, Bal Kavita Paryavaran Par...

1. प्रकृति तुम्हारा अभिनन्दन है


सब पर प्यार लुटाने वाली 

प्रकृति तुम्हारा अभिनन्दन है।

अनगिन हैं उपकार तुम्हारे 

तुमसे ही सबका जीवन है।। 


सघन निशा का घोर तमस हर,

हर दिन सूरज हमें जगाता।

हर दिन नई उमंगे भरकर, 

हम सब को सुख से भर जाता।।


उमड़ घुमड़कर घिरते बादल,

रिमझिम मीठा जल बरसाते।

घर-आंगन, वन, बाग, खेत, सर,

सब पर सुख-सौगात लुटाते।।


बहती हवा झूमकर हर दिन, 

सबके प्राणों को बल देती।

जन, खग, मृग, वन, शाक, लताएँ, 

बनती सबकी सहज चहेती।। 


आओ, हम भी सारे मिलकर, 

प्रकृति का आभार जतायें। 

सब मिल करें प्रकृति का रक्षण, 

जीवन को खुशहाल बनायें।। 


Poem on Tree in Hindi

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की बाल कविता वृक्ष हमारे जीवनदाता, वृक्षों का महत्व बताते हुए बच्चों के लिए रचना वृक्ष हमारे जीवनदाता। सच में वृक्ष हमारे जीवनदाता है क्योंकि हमें फल, फूल, सब्जियां, ऑक्सीजन सबकुछ पेड़ों से ही मिलता है, वृक्ष नहीं होंगे तो मानव जीवन इस धरती पर नामुमकिन है। मानव ही नहीं, धरती पर स्थित सभी प्राणी वृक्षों पर आधारित है, इसलिए हमें वृक्षों का संरक्षण करना चाहिए और पेड़ पौधे लगाना चाहिए। बच्चों को वृक्षों का संरक्षण के बारे में बताना चाहिए। पेड़ों पर कविता, Poem on Tree in Hindi, Bal Kavita on Tree's in Hindi...

2. वृक्ष हमारे जीवनदाता


वृक्षों से जग में हरियाली, 

 इनसे जीवन में खुशहाली, 

वृक्षों से प्राणों का नाता। 

वृक्ष हमारे जीवनदाता।।  


फूलों से सारा जग भरते,

हर दिन रात सुगंधित करते, 

इनका साथ सदा ही भाता।

वृक्ष हमारे जीवनदाता।।


सहती ताप सुकोमल काया, 

फिर भी देते शीतल छाया, 

बैठ छांव में मन सुख पाता।

वृक्ष हमारे जीवनदाता।। 


फल,भोजन दे भरते थाली,

बढ़ती मुखमण्डल पर लाली, 

ताकत से तन मन भर जाता।

वृक्ष हमारे जीवनदाता।। 


बनकर वैद्य रोग सब हरते,

स्वास्थ्य लाभ से झोली भरते,

पुलकित रोम रोम हर्षाता।

वृक्ष हमारे जीवनदाता।। 


हर प्रकार से ये हितकारी, 

करते विविध सहाय हमारी, 

इनसे कौन उऋण हो पाता।

वृक्ष हमारे जीवनदाता।।

Motivational Poem in Hindi

बच्चों के लिए प्ररणदायक बाल कविता आगे बढ़ते जायेंगे, त्रिलोक सिंह ठकुरेला की बाल कविता आगे बढ़ते जायेंगे, हिन्दी प्रेरणादायक बाल कविताएं, जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच होना जरूरी है, असफलता से निराश नहीं होना चाहिए और हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा की जरूरत है वह प्रेरणा हमें जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार करेंगी। इसी उद्देश्य से आज आपके लिए प्रस्तुत है आगे बढ़ते जायेंगे बाल कविता हिंदी में। Motivational Poem in Hindi, Preranadayak Bal Kavita In Hindi, Inspirational Poem in Hindi...

3. आगे बढ़ते जायेंगे


मिलकर कदम बढ़ायेंगे।

आगे बढ़ते जायेंगे।। 


हाँ, बाधाएं आयेंगी, 

माना, बहुत डरायेंगी,

किन्तु न हम घबरायेंगे।

आगे बढ़ते जायेंगे।।


रुकना अपना काम नहीं, 

जीत बिना आराम नहीं, 

सबको यह समझायेंगे।

आगे बढ़ते जायेंगे।। 


विघ्नों का मुख मोडेंगे,

पथ को कभी न छोड़ेंगे,

सौ सौ युक्ति लगायेंगे।

आगे बढ़ते जायेंगे।।


नई सदी के बच्चे हैं, 

दृढ़ हैं, मन के सच्चे हैं, 

कुछ भी हो जय पायेंगे।

आगे बढ़ते जायेंगे।।


Poem on Flowers in Hindi

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की बाल कविता प्यारे और निराले फूल, बच्चों के लिए बाल कविता प्यारे और निराले फूल, फूलों के विषय पर बेहतरीन बाल कविता प्यारे और निराले फूल, फूलों से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में हमेशा मुस्कुराते रहना चाहिए। फूलों से सजाया घर देखने अच्छा लगता है और फूलों से भरे बगीचे में घूमना हर कोई पसंद करता है। फूलों पर कविता हिंदी में, बच्चों के लिए रचना प्यारे और निराले फूल। Poem on Flowers in Hindi, Foolon Par Kavita in Hindi...

4. प्यारे और निराले फूल 


सबके जीवन को महकाते 

प्यारे और निराले फूल।

मोहक मोहक गंध लुटाते 

सुन्दर भोले-भाले फूल।। 


तितली-दल को पास बुलाते 

मनहर जादू वाले फूल। 

भ्रमर झूमने लगते आकर

हो जाते मतवाले फूल।। 


उपवन को रमणीक बनाते 

विविध रूप रंग वाले फूल।

खिलते-हिलते साथ निभाते

अलग-अलग ढंग वाले फूल।। 


मिलकर सबका मन बहलाते

हैं हरषाने वाले फूल।

सबके जीवन में सुख लाते 

सुख बरसाने वाले फूल।। 


सबके मन को खूब रिझाते

नेह दिखाने वाले फूल।

हिलमिल कर रहना सिखलाते 

मेल सिखाने वाले फूल।।

Gudiyan Bal Kavita In Hindi

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की बाल कविता मेरी गुड़िया, गुड़ियां बाल कविता हिंदी में। Gudiyan Bal Kavita In Hindi, Children's Poetry, Kids Poem Gudiyan in Hindi, Bal Kavitayen in Hindi, Hindi Kavita Kosh, Trilok Singh Thakurela Poem Gudiyan...

5. मेरी गुड़िया


मेरी गुड़िया बड़ी सयानी 

जगती सुबह- सबेरे। 

और सैर पर जाती हर दिन 

साथ घूमने मेरे।। 


योग और व्यायाम नित्य कर

अपना स्वास्थ्य बनाती। 

चुनती सदा उचित चीजें ही

उचित समय पर खाती।। 


सही समय विद्यालय जाती

पढ़ती ध्यान लगाकर।

विद्यालय में अव्वल आती 

अंक अधिकतम पाकर।। 


खेलकूद में आगे रहती 

पदक जीतकर लाती। 

घर आंगन को रोशन करती 

मीठे बोल सुनाती।। 


मां से घर के काम सीखती

कभी न आलस करती।

सबसे प्यारी मेरी गुड़ियां

मन में खुशियाँ भरती।।


ये भी पढ़ें;

Trilok Singh Thakurela Biography in Hindi : त्रिलोक सिंह ठकुरेला का व्यक्तित्व एवं कृतित्व

डॉ. प्रदीप उपाध्याय की पाँच हिंदी कविताएँ : Pradeep Upadhyay Poetry in Hindi

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top