Bal Kavita Nikal Pade Hum Nainital : Children's Poem by Dr. Surendra Dutt Semalti
बाल कविता निकल पड़े हम नैनीताल : भारत के उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल (Nainital) ज़िले में स्थित एक नगर और महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है। बाल साहित्यकार डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी द्वारा बच्चों के लिए नैनीताल पर एक कविता। बाल कविता नैनीताल निकल पड़े हम, बाल गीत नैनीताल निकल पड़े हम। हिंदी बाल कविताएं, बाल गीत हिंदी में बच्चों के लिए। Poem on Nainital, Children's Poem on Nainital, Nainital Kavita in Hindi, Hindi Kavita Kosh, Hindi Poetry, Hindi Bal Kavita, Hindi Bal Geet...
निकल पड़े हम नैनीताल
गर्मी का था मौसम आया ,
सूरज ने था ताप बढ़ाया ।
झुलस रहा गर्मी से तन ,
बाहर-भीतर लगे न मन !
हमारे प्रिय किरन-मनोज ,
बुलाते फोन करके रोज ।
जाने का फिर मन बनाया ,
ट्रेन टिकट बुक कराया ।
हुआ जैसे ही प्रातःकाल ,
निकल पड़े हम नैनीताल ।
लेकर के बैग-अटैची संग ,
जाने लगे भरकर उमंग ।
आसमान गया था घिर ,
बदला मौसम उससे फिर ।
जैसे ही पहुंचे नैनीताल ,
मौसमने भी बदली चाल !
होने लगी थी बूंदाबांदी ,
औ चलने लगी थी ऑंधी ।
फिर तो क्या था थर्र-थर्र ,
तब तक ढूंड न पाये घर !
मनोज लेने आये तुरन्त ,
समस्या का हुआ था अंत ।
किरन ने थी चाय पिलाई ,
खोवा की बर्फी खिलाई ।
बिस्कुट-नमकीन भी संग ,
सबकुछ देख रह गये दंग ?
साथ बैठ के खाना खाया ,
खूब मजा खाकर आया ।
गये घूमने दूसरे दिन सब ,
आया मजा हमको तब !
थे साथ में किरन-मनोज ,
उन्होंने खूब घुमाया रोज ।
जंगल-उपवन घूमें झील ,
चले पैदल कई थे मील !
नैनीताल छोड़ भीमताल ,
फिर पहुंचे हम तत्काल ।
दर्शनीयस्थल जितने सारे ,
उन सबके थे चित्र उतारे ।
रुककर हफ्ता भर एक ,
लौटकर आये सारा देख ।
हमको छोड़ने दोनों आये ,
गला रुंधा था कह न पाये !
हुई ऑंखें गीली सबकी ,
हमेशा याद रहेगी तबकी ।
- डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
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