Hindi in Administration
प्रशासन में हिन्दी
प्रशासन के अर्थ को समझना हो तो हमें यह जानना आवश्यक है कि संस्कृत खंड के रूप में 'प्रशासन' शासन धातु में 'प्र' उपसर्ग लगाने से बनता है। जिसका अर्थ है, उत्कृष्ट रीति से शासन करना।
कोशकार डॉ. हरदेव बाहरी के शब्दकोश के अनुसार प्रशासन का अर्थ है "नगर संस्था आदि के अधिकारों कर्तव्यों को कार्य रूप देना।"¹ अंग्रेजी में इसे Administration कहा जाता है। यह दो शब्दों Ad+Ministration से बना है। यानी व्यवस्था करना या कार्यों की देखभाल करना।
वहीं दूसरी ओर डॉ. हरदेव बाहरी ने 'हिंदी' का अर्थ "हिंद या हिन्दुस्तान की भाषा, भारत वर्ष की राष्ट्रभाषा (जैसे-हिंदी का सम्मान करना हम सबका नैतिक कर्तव्य है)।"²
विषयानुसार 'प्रशासन में हिंदी' यानी उपरोक्त दोनों 'प्रशासन' और 'हिंदी' को मिलाकर देखें तो राज्य या किसी संस्था की निर्धारित नीतियों को पूरा करने के लिए किए जाने वाले सभी कार्य प्रशासन के अंतर्गत आते हैं। सरकार के प्रत्येक मंत्रालय और उसके प्रत्येक विभाग के कार्य इसी के अंतर्गत आते हैं। प्रशासन तंत्र के अंतर्गत जिन कार्यों को करना पड़ता है, उनका उचित नियोजन करना आवश्यक होता है। मुख्यता प्रशासन के अंतर्गत "औपचारिक संगठन की नियुक्ति करना, पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करना तथा सेवा के लिए अनुकूल वृत्तियों को विकसित करना होता है।" प्रशासन नीति अनुयायी होता है।
प्रशासन में कार्य पद्धति का विशेष महत्व रहता है। कार्य पद्धति प्रशासकीय विभागों की आवश्यक नियमावली के अनुसार होना है। स्मरण रहे अगर किसी विभाग में कार्य पद्धति के विपरीत कोई कार्य होता है तो न्यायालय में उसकी सुनवाई हो सकती है। प्रशासन को समृद्ध बनाने हेतु उसकी अपनी शब्दावली होती है, विषयानुसार अगर हम प्रशासन में हिंदी यानी Administrative Hindi (or) Official Hindi की बात करें तो इसे हम प्रयोजनमूलक हिंदी भी कह सकते हैं।
"भारतीय संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को 'राजभाषा' के रूप में स्वीकारा। इसके लिए अनुच्छेद 120, 210, 343 से लेकर 351 तक प्रावधान किये गये हैं।"³
वैसे तो हिंदी के कई रूप हैं, प्रमुख तौर पर वे हैं -
माध्यम भाषा, संचार भाषा, मातृ भाषा, सर्जनात्मक भाषा और राजभाषा यानि राज्यभाषा और राष्ट्रभाषा।
हिंदी को अगर हम कार्यालयी प्रयोग में आने वाली भाषा के रूप में जानने की इच्छा रखते हैं तो उसे कार्यालयी हिंदी कहा जाता है। अर्थात् जिसका प्रयोग कार्यालय के पत्र-व्यवहार में तथा सरकारी शासन करने वाले देश एवं उनके सभी कार्यों में प्रयोग होने से है।
कार्यालयी हिंदी के मुख्य प्रकार हैं : प्रशासनिक हिंदी, व्यावसायिक हिंदी, तकनीकी हिंदी आजकल कार्यालयी हिंदी का अर्थ केवल प्रशासनिक कामकाज में प्रयुक्त होने वाली हिंदी से ही किया जाता है। जिसमें पत्र-लेखन, पत्रों की प्राप्ति का रजिस्टर, टिप्पण, मिसिल या फाइल बनाना, मामले का या फाईल का नाम देना, स्वीकृति, अनुमति, निर्देश, अनुदेश के बारे में लिखना, कार्यालयी आदेश देना, अधिसूचना जारी करना, ज्ञापन देना, परिपत्र देना, संकल्प करना, अनुस्मारक करना, पृष्ठांकन करना, प्रेस विज्ञप्ति आदि बनाना, कार्यालय के अनुभाग का नामकरण करना, शाखाएं खोलना, अधिकारी, लिपिक, प्रबंधक आदि पत्रों का नामकरण में प्रयुक्त होने वाली विशिष्ट हिंदी से है।
प्रशासन या प्रशासनिक भाषा की विशेषता है कि उसके वाक्य प्रायः लंबे और संश्लिष्ट होते हैं। वर्तमानकालीन वाक्य रचना, जो कानूनी गिरफ्त से बचने के लिए की जाती है में प्रायः ऐसा दिखाई देता है। यही कारण है कि लोग शिकायत करते हैं कि कार्यालयी हिंदी में लिखी गई बहुत सी विज्ञप्तियां सामान्य लोगों के लिए समझना मुश्किल है। यहां तक कि पढ़े लिखे लोग भी कभी-कभी नहीं समझ पाते। इसी कारण मजबूरन उन्हें परंपरा से चली आई राजभाषा का ही सहारा लेना पड़ता है। एक कारण हम यह भी कह सकते है कि "कई अंग्रेजी के समतुल्य शब्द, हिंदी में अभी तक निर्धारित नहीं हुए हैं।" इसी कारण से अहिंदी भाषी क्षेत्रों में अभी भी हिंदी को एक आम भाषा के रूप में न स्वीकारते हुए वे उसे केवल कार्यालयी भाषा या अनुवाद की भाषा मानते हैं।
हरिबाबू कंसल के शब्दों को देखा जाए तो वे कहते हैं - "कोई भी भारतीय, दो तीन वर्षों में हिंदी में प्रशासकीय कार्य करने की योग्यता प्राप्त कर सकता है।"⁴
जैसा कि हम पहले ही देख चुके हैं कि प्रशासन की भाषा की अपनी शब्दावली होती है, विषय विस्तार करने पड़े जैसे :
बैंकों में वाणिज्य/व्यापार की शब्दावली का....
न्यायपालिका में विधि शब्दावली का.... अस्पतालों में चिकित्सा शास्त्र शब्दावली का.... कंप्यूटर में इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी शब्दावली का प्रयोग होता है।
उदाहरण के तौर पर 'सम संख्यक पत्र, निर्देश, अनुदेश, अनुरोध, सामान्य कार्य विधि, कार्यकारिणी समिति, जाँच' आदि कार्यालयी या प्रशासनिक हिंदी में प्रयोग होने वाले शब्द हैं।
अंत में हम सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि "चूंकि हिंदी राजभाषा है" इसलिए प्रशासन में हिंदी का प्रयोग होने से आम नागरिक भी सरलता से प्रशासन को समझ सकता है।
संदर्भ :
1. हिंदी शब्दकोश-डॉ. हरदेव बाहरी, पृ. सं. 544
2. हिंदी शब्दकोश-डॉ. हरदेव बाहरी, पृ. सं. 878
3. प्रयोजनमूलक कामकाजी हिंदी-डॉ. मदरी, पृ. सं. 16
4. विश्व सूक्ति कोश-नितिन टंडन, पृ. सं. 318
उपयोगी पुस्तकें :
1. प्रशासनिक सिद्धांत-डॉ. विप्लव
2. भारतीय संविधान
3. प्रशासनिक हिंदी-कमल पुष्कर सिंह
4. कार्यालयी हिंदी-बालेन्दु शेखर तिवारी
5. हिंदी साहित्य का इतिहास-रामचंद्र शुक्ल
- एच. मोहन
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