Bal Kavita Natkhat Pihu by Nidhi Maansingh
बच्चों की कविता नटखट पिहूँ : हरियाणा के जिला जींद के छोटे से शहर सफीदो की रहने वाली दृष्टि औधियाण (प्यार से सब पिहूँ कहते हैं)। इसकी उम्र 2 साल है। एक नंबर की शैतान हैं मतलब बहुत शरारती है। किसी भी चीज से नही डरती। छिपकली को पकड़ने के लिए भागती है। दादा-दादी पर जान देती है मम्मी-पापा से भी ज्यादा। आइसक्रीम इसकी फेवरेट है पार्क मे घूमना और कुत्ते के बच्चों के साथ खेलना इसे बहुत पसंद है। आज आपके लिए दृष्टि औधियाण यानी पिहूँ पर निधि "मानसिंह" की कविता नटखट पिहूँ पढ़े और अपनी राय दें।
Children's Poem Natkhat Pihoo
नटखट पिहूँ
नटखट पिहूँ करे शैतानी
बात कभी ना किसी की मानी।
दादी की माला को छेडे
मना करे तो उसे मरोडे।
दादाजी का चश्मा उठाती
आंख - नाक पर उसे चढ़ाती।
हरदम करती भैय्या को तंग
लड़ती रहती उसके संग।
मम्मी की भी बात ना माने
रोज़ बनाए नये बहानें।
पापा का सामान उठाती
डांटो तो मुंह फुलाती।
स्कूल जाती बच्चों को चिढाती
शरारत करती अकड़ दिखाती।
चुपकें से जाकर बगिया में
पत्थर फेंके मधुमक्खी पे।
छत्ता छोड़ मधुमक्खी आई
जोर से काटा पिहूँ सुजाई।
भूल गई सारी शैतानी
याद आ गई पिहूँ को नानी।
निधि "मानसिंह"
कैथल, हरियाणा
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