गोविंद शर्मा की चुनिंदा लघुकथाएँ : 6+ Best Short Stories in Hindi

Dr. Mulla Adam Ali
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Govind Sharma Short Stories : 6+ Laghu Kathayen Hindi Mein

6+ Laghu Kathayen Hindi Mein

व्यंग्य लघु-कथाएँ : चौथा लघुकथा संग्रह खाली चम्मच बाल साहित्यकार गोविंद शर्मा जी द्वारा लिखा गया है, 121 लघुकथाओं के इस संग्रह में व्यंग्य का फूट है तथापि हम इन्हें लघुव्यंग्य या लघु व्यंग्यकथा नहीं कह सकते। लघुकथाओं का कलेवर तीखा है, पर संवेदना शून्य नहीं है। चुनिंदा लघुकथाओं के अंतर्गत आपके सामने प्रस्तुत है छः लघुकथाएं 1. तकनीकी हिन्दी लघुकथा 2. भावी चैम्पियन प्रेरक लघुकथा 3. दरवाजे ज्ञानवर्धक लघुकथा 4. आभार प्रेरणादायक लघुकथा 5. नशा मार्मिक लघुकथा 6. सीखा जानवरों से सुंदर लघुकथा आदि। आप ये अलग-अलग प्रकार के छः छोटी लघुकथाएं पढ़े और शेयर करें।


6+ Interesting Short Stories in Hindi

विज्ञान संबंधी लघुकथा तकनीकी : Technology Orientated Short Story in Hindi

1. तकनीक (Technology)

उस देश की बात है।

एक ड्राइंगरूम में कुछ लोग चाय पी रहे थे और गुलाबजामुन खा रहे थे। सभी गुलाबजामुनों की तारीफ कर रहे थे। एक ने तो पूछ ही लिया- भाभी जी, इतने अच्छे स्वाद वाले गुलाबजामुन आपने बनाये कैसे?

भाभी ने गर्व से कहा- पहले मैंने मैदा और मावा के गोले बनाये। कुछ और भी किया। फिर भूल से इन्हें घी में तलने से पहले, गर्म चाशनी में डाल दिया। वह अजीब सी चीज बन गई। मैंने उसे किचन की खिडकी से बाहर फेंक दिया और भोंदूमल हलवाई के यहाँ से ये गुलाबजामुन मंगवा लिये।

कुछ हँसने लगे, कुछ वाह-वाह करने लगे। बस, एक आश्चर्य से भाभी जी को देखता रहा। फिर बोला- वाह, आपने गुलाबजामुन बनाने की यह हमारी विज्ञान प्रयोगशालाओं की विधि कहाँ से सीखी?

विज्ञान की प्रयोगशालाओं में गुलाबजामुन बनते हैं?

हाँ, इसी तरह। पहले हम वर्षों तक अनुसंधान करते हैं. खूब खर्च करते हैं। फिर एक दिन उस सबको बंद कर वह टेक्निक विदेशों से खरीद लेते हैं और उस तकनीक से बने सामान का अपने देश की भाषा में नामकरण कर देशी बना लेते हैं।


प्रेरक बालकथा भावी चैम्पियन : Prerak Laghukathayein in Hindi : Motivational and Inspiring Short Story

2. भावी चैम्पियन (Future Champion)

नेता जी भाषण दे रहे थे- यदि मैं सत्ता में आया तो सरकारी भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकूँगा। इन भ्रष्टाचारियों को कच्चा चबा जाऊँगा। मैं अपनी ईमानदारी के ऐसे झंडे गाइँगा कि....

अचानक मेरा ध्यान निकट खड़े एक आदमी की तरफ चला गया। उसे कँपकँपी छूट रही थी। मैंने हैरानी से पूछा, सर्दी लग रही है या डर रहे हो?

'डर रहा हूँ।'

क्यों ? मुझे तो तुम किसी तरफ से भी भ्रष्टाचारी नजर नहीं आ रहे?

आप ठीक कहते हैं। पर मैं पिछले सत्तर सालों से ऐसे भाषण सुन रहा हूँ। भ्रष्टाचार मिटाने की कसमें खाने वाले ही सत्ताधारी होते ही भ्रष्टाचार के पिछले रिकार्ड तोड़ देते हैं। मुझे इन नेताजी में ऐसा ही भावी चैम्पियन दिखने लगा है। उसी से कँपकँपी छूट रही है।


Motivational short stories in Hindi : छोटी सी लघुकथा दरवाजे

3. दरवाजे

हम रिक्शा में बैठे थे। मित्र नया घर बनवाने वाला था। परिचितों से पूछता रहता था कि वास्तु के अनुसार घर का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए। खूब सलाहें मिल रही थीं। मुझ से भी पूछा। मेरे जवाब पर उसकी प्रतिक्रिया थी- तुमने तो सबसे अलग राय दी है। मुझे और भ्रमित कर दिया।

मित्र को चुहुल सूझी। उसने रिक्शा वाले से पूछ लिया कि दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए? पसीने से लथपथ रिक्शा वाला बोला- जिधर से ज्यादा हवा मिले। मेरी पीठ पर बने दो दरवाजे तो आपने देख ही लिये, एक यह आगे बना भी देख लें।

उसकी कमीज में पीछे की तरफ दो तो आगे की तरफ एक बड़ा छेद था।


प्रेरक एवं मनोरंजक लघुकथाएँ : आभार : Short Story Gratitude

4. आभार (Gratitude)

वे दोनों अर्थात् निवर्तमान मुख्यमंत्री और अभी-अभी शपथग्राही मुख्यमंत्री आमने-सामने मिल गये। अवसर था नये मुख्यमंत्री द्वारा शपथग्रहण का।

नये ने पुराने से कहा- मैं आपके प्रति आभार प्रकट करता हूँ। यदि आप गलतियाँ न करते, यदि आप अपनी घोषित योजनाएँ अधूरी ही नहीं पड़े रहने देते, आपके संगी-साथी भ्रष्टाचार में लिप्त न होते तो मैं आपके विरुद्ध चुनाव लड़ने के लिये कौन से मुद्दे लेकर मतदाताओं के पास जाता। इसलिये मैं मेरी पार्टी की जीत और मुझे यह पद मिलने का श्रेय आपको देता हूँ।

सत्ता से ताजा-ताजा वंचित भू.पू. मुख्यमंत्री कुछ बोले, इससे पहले ही नवोदित ने कहा- मैं अहसान फरामोश नहीं हूँ। मेरी ओर से अगले चुनाव में ऐसे ही मुद्दे आपको जरूर मिलेंगे। मैं आपको आभार प्रकट का अवसर दूँगा- कहकर वे चलते बने प्रेस कांफ्रेंस की ओर, पिछली सरकार के खिलाफ कठोर बयान देने के लिये.....।


नशा लघुकथा : Laghukatha Nasha in Hindi : Short Story Addiction

5. नशा (Addiction)

राहु अपने विचारों में मगन टिफिन लिये काम पर जा रहा था कि अचानक वह उसके रास्ते में आ गया। फटे वस्त्र, छितराये बाल। उसने राहु के आगे हाथ फैलाते हुए दस रुपये की मांग की।

नहीं दूँगा दस रुपये तुम्हें।

क्यों साहब, क्या आपके पास नहीं हैं।

हैं क्यों नहीं। पर मुझे पता है तुम्हें क्यों चाहिए दस रुपये। तुम भिखारी नहीं, नशेड़ी लग रहे हो। मैं हूँ नशा विरोधी अभियान का वरिष्ठ कार्यकर्ता । बताओ, किसका नशा करते हो? शराब, पोस्त, गोली-कैप्सूल...?

नहीं साहब....।

अच्छा, किसी और का भी? बताओ तुम्हें किसका नशा है?

साहब, वैसे तो उसके कई नाम हैं, पर मैं उसे रोटी कहता हूँ।

इतना कह कर वह तो चला गया, पर राहु के लिये बहुत कुछ सोचने के लिये छोड़ गया।

लंच टाइम में राहु ने अपना टिफिन खोला तो सही, पर वह भोजन नहीं कर सका। कैसे करता, वह नशा विरोधी अभियान का वरिष्ठ कार्यकर्ता जो ठहरा।


प्रेरणादायक लघुकथा सीखा जानवरों से : Hindi Moral Short Story

6. सीखा जानवरों से (Learned from animals)

गली की नुक्कड़ पर घर के आगे बने चबूतरे पर दो बुजुर्ग धूप सेंक रहे थे। उन्होंने देखा, स्कूल या कॉलेज जा रही एक लड़की के पीछे कुछ लडके जा रहे हैं। लड़के उस लड़की पर ऊल-जुलूल कमेंट कर रहे हैं, हँस रहे हैं, एक-दूसरे को कुछ कहने को उकसा रहे हैं और रोकने का दिखावा भी कर रहे हैं अर्थात् उस लड़की को 'इम्प्रेस' करने का उपक्रम जारी था। लड़की चुप, सकुचाई-सी जा रही थी। यह देखकर एक बुजुर्ग को गुस्सा आ गया। वह लड़कों से कुछ कहने वाले थे कि दूसरे ने रोक दिया। लडके-लड़की आगे चले गये थे।

पहले वाले बुजुर्ग ने कहा- कभी हम भी लड़के थे। हमने तो कभी ऐसी हरकत नहीं की। हम आज के लड़कों की तरह आवारा नहीं घूमते थे। यह सब आज के लड़कों ने पश्चिमी सभ्यता-संस्कृति से सीखा है।

दूसरे ने कहा- नहीं, जब हम लड़के थे, तब क्या अपने गलियों में इतने आवारा सांड होते थे? उस समय बैल होते थे, उनसे हम मेहनत करना सीखते थे। भौंकने वाले कुत्ते भी होते थे। हम उनसे वफादारी करना सीखते थे। यह सब अर्थात् आवारा घूमना और लडकियों को छेड़ना लड़कों ने किसी सभ्यता-संस्कृति से नहीं, इन जानवरों से सीखा है।

- गोविंद शर्मा

ये भी पढ़ें; हिन्दी लघुकथाएँ : खाली चम्मच लघुकथा संग्रह से सर्वश्रेष्ठ लघुकथा कहानियाँ

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