जानिए बच्चों के लिए बाल साहित्य क्यों महत्वपूर्ण है : बाल-साहित्य और प्रसिद्ध बाल साहित्यकार

Dr. Mulla Adam Ali
0

Know why children's literature is important for children: Children's literature and famous children's writers

हिन्दी भाषा और साहित्यिक ब्लॉग पर आज विशेष रूप से आपके लिए प्रस्तुत है बाल साहित्य पर महत्वपूर्ण आलेख हिन्दी में बाल साहित्य की परिभाषा और उसकी विशेषताएं, हिन्दी के बाल साहित्यकार, बाल साहित्य का उद्देश्य और इतिहास आदि महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए लेकर आए हैं।

hildren's literature and famous children's writers

Table of Contents;

  • Children's Literature meaning and definition in Hindi
  • characteristics of children's literature
  • famous writers of children's literature
  • Why children's literature is important for children
  • 10 best children's stories in Hindi
  • 10 best children's Poetry in Hindi
  • 10 best children's Article's in Hindi
  • Conclusion & FAQ

इस आर्टिकल में हिंदी के दस श्रेष्ठ बाल कविताएं, बाल कहानियां और बाल साहित्य पर आधारित लेख दिए गए हैं। बाल साहित्य समीक्षा जैसे बाल साहित्य का अर्थ और परिभाषा, इतिहास और महत्व, बाल साहित्य पर अनमोल विचार आदि सभी प्रकार के मुख्य लिंक भी दे चुके हैं तो बाल साहित्य पर ये लेख पढ़े और शेयर करें।

जानिए बच्चों के लिए बाल साहित्य क्यों महत्वपूर्ण है : बाल-साहित्य और प्रसिद्ध बाल साहित्यकार 

बाल साहित्य क्या है?

बाल साहित्य वह साहित्य है जो विशेष रूप से बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर बच्चों के लिए लिखा जाता है। इसमें मुख्य रूप से बाल कहानियां, बाल कविताएं, बाल गीत, बाल नाटक, जीवनी, चित्र पुस्तकें और आदि अन्य विधाएं शामिल हो सकती हैं। बाल साहित्य का उद्देश्य बच्चों को शिक्षित करना, उन्हें मनोरंजन करना और उन्हें दुनियां के बारे में सिखाते हुए नैतिक मूल्यों का विकास कराना है।

अच्छे बाल साहित्य की मुख्य विशेषताएं:

आकर्षक और रोचक : अच्छा बाल साहित्य वह है जो बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जैसे कहानी पढ़ने में बच्चा रुचि रखता है तो वह कहानी आकर्षक और रोचक होनी चाहिए।

उम्र के अनुकूल : बाल साहित्य में उपयोग भाषा, विषय वस्तु और जटिलता बच्चों के समझ के स्तर और उम्र के हिसाब से उपयुक्त होनी चाहिए।

कल्पनाशील और रचनात्मक : अच्छे बाल साहित्य की और एक विशेषता यह है कि जिसे पढ़कर बच्चों की कल्पना शक्ति जागती है और नए नए तिजों के बारे में बच्चों को सोचने के लिए मजबूर या प्रोत्साहित करें वह साहित्य उपयोगी या सफल बाल साहित्य कहलाता है 

सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील : अच्छे बाल साहित्य का और एक गुण यह है कि जिसमें विभिन्न संस्कृतियां शामिल रहते हैं और उसका सम्मान होता है।

नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना : बाल साहित्य की मुख्य विशेषता यह होनी है कि बच्चों में सकारात्मक मूल्यों का विकास हो और अच्छे-बुरे बीच का अंतर करना सिखाता है वह सफल बाल साहित्य कहा जायेगा।

भाषा में सरल और स्पष्ट : बाल साहित्य में उपयोग भाषा सरल और बच्चों को इसे समझने में आसानी होनी चाहिए, इसलिए इस साहित्य को लिखते समय सरल शब्दों का प्रयोग किया जाना आवश्यक है, ज्यादा जटिल शब्दों का उपयोग न हों व्याकरणिक संरचनाएं न हों।

आकर्षक चित्रण : बाल साहित्य के पुस्तकें रंग बिरंगे होनी चाहिए, कहानी या कविता से जुड़े चित्रों का उपयोग करना चाहिए, कहानी के किताबों में गुणवत्ता और कहानी के पूरक होने चाहिए।

बाल साहित्य के कुछ प्रसिद्ध लेखक : 

प्रेमचंद : हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार, उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद बच्चों के लिए कई कहानियां और उपन्यास लिखे हैं। ईदगाह, बड़े भाई साहब आदि कहानियां।

महादेवी वर्मा : आधुनिक मीरा नाम से जाने जाने वाली हिन्दी की प्रसिद्ध कवयित्री महादेवी वर्मा बच्चों के लिए कई कविताएं लिखी हैं।

श्रीधर पाठक : श्रीधर पाठक की हिन्दी प्रमुख बाल कविताएं - उठो भई उठो, मोर, देल छे आए, कोयल, तीतर, बिल्ली के बच्चे, तोते पढ़े, मैना, चकोर, गुड्डी लोरी आदि।

रवींद्रनाथ टैगोर : रवींद्रनाथ टैगोर भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता है, जिन्होंने बच्चों के लिए बाल कहानियां, कविताएं और नाटक लिखे हैं।

जैकब ग्रिम और विल्हेल्म ग्रिम : जर्मन के बाल साहित्यकार जैकब ग्रिम और विल्हेल्म ग्रिम ने बच्चों के लिए कई लोकप्रिय कहानियां लिखी है।

हंस क्रिश्चियन एंडरसन :  डेनिश लेखक हंस क्रिश्चियन एंडरसन ने बच्चों के लिए कई सारे प्रसिद्ध कहानियाँ लिखीं है जैसे "द लिटिल मरमेड" और "द अग्ली डकलिंग"।

बच्चों के लिए बाल साहित्य क्यों महत्वपूर्ण है :

उनका मनोरंजन करता है : बाल साहित्य बच्चों का मनोरंजन करता है जैसे बच्चा बाल कहानी और बाल कविता पढ़ना पसंद करता है, बच्चे इस साहित्य को पढ़ने के लिए रुचि इसलिए दिखाते हैं कि यह साहित्य रोचक और मनोरंजक अनुभव प्रदान करता है।

उन्हें शिक्षित करता है : बाल साहित्य पढ़कर बच्चा विभिन्न विषयों का ज्ञान प्राप्त कर सकता है जैसे विज्ञान, इतिहास, प्रकृति, तकनीकी और विभिन्न देशों के विभिन्न संस्कृतियां आदि।

बच्चों में कल्पना और रचनात्मकता को विकसित करता है : बाल कहानी या कविता पढ़कर बच्चों में कल्पना शक्ति जाग सकती है, बाल साहित्य पढ़ने के बाद बच्चा नई चीजों के बारे में जानने के लिए उस्तुकता दिखाए वह सफल साहित्य है।

उनके भाषा कौशल को विकसित करता है : बाल साहित्य से भाषा कौशलों का विकार होता है, बच्चे कहानियां पढ़ने और सुनने से नए नए शब्द जान सकेंगे और उनका उपयोग करने लगेंगे।

बच्चों को सामाजिक और भावनात्मक रूप से विकसित करने में बाल साहित्य मदद करता है : बाल कहानियां में विभिन्न विषय होते हैं भावनाओं से जुड़े हुए, जिसे समझकर बच्चा दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाता है या उनकी मदद कर सकता है।

डॉ. मुल्ला आदम अली हिंदी भाषा और साहित्यिक ब्लॉग पर हिंदी की 10 श्रेष्ठ बाल कहानियाँ : यहां पर बाल कहानी के लिंक दिए गए हैं देश के प्रमुख बाल साहित्यकारों द्वारा लिखी गई।

बाल कहानी - मोहित ने समझी भूल : रोचिका अरुण शर्मा

दीनदयाल शर्मा की बाल कहानी - यह भी एक कहानी है

बाल कहानी : ऐना की बहादुरी - मानसी शर्मा

Bal Kahani : रोहन का पश्चाताप - निधि मानसिंह

भोला की बहादुरी | Children's Story in Hindi| Bhola Ki Bahaduri

बाल कहानी: पापा के जूते | दिल को छू लेने वाली कहानी

पेड़ और बादल : पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करती बाल कहानियाँ - गोविंद शर्मा

पेड़ों का महत्व पर अंतरराष्ट्रीय मेरा वृक्ष दिवस विशेष बाल कहानी : पेड़ बच गया

दादा और पोते की दिल छू लेने वाली कहानी : हवा का इंतजाम

बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने वाली एक बाल कहानी : चिंपू बन गया

Dr. Mulla Adam Ali Hindi Language and Literature Blog पर Children's Literature से हिंदी की 10 श्रेष्ठ बाल कविताएं : हिन्दी के प्रमुख बाल कविताएं, श्रेष्ठ बाल गीत हिंदी में देश के प्रसिद्ध बाल साहित्यकारों द्वारा लिखी गई।

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की पाँच बाल कविताएँ : Bal Kavita In Hindi by Trilok Singh Thakurela

छोटे बच्चों की कविताएँ हिंदी में : परशुराम शुक्ल की पाँच बाल कविताएँ - Chhote Bacchon Ke Liye Poems

हिंदी प्रार्थना गीत स्कूल के बच्चों के लिए : Vidhyalay Ke Prarthana Geet - Prayer Song in Hindi

Bachpan Mera Poem in Hindi : बचपन मेरा कविता - डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल

बाल गीतों का संकलन : फहीम अहमद के छह शिशुगीत हिंदी में - Shishugeet in Hindi

शिवचरण चौहान के दस बाल गीत एवं संक्षिप्त जीवन वृत्त - Kids Poem

फलों का राजा आम पर बेहतरीन हिंदी बाल कविता : खाओ खाओ जी भर आम

हिंदी बाल कविता : हाथी पर सुंदर कविता घुमक्कड़ हाथी - अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"

दिविक रमेश की कविता किसने कहा होगा : Poem by Divik Ramesh

महादेवी वर्मा की बाल कविता: अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी

बाल साहित्य पर 10 महत्वपूर्ण लेख : हिन्दी बाल नाटक, बाल कहानी और कविता, बाल साहित्य पर आधारित देश के प्रमुख बाल साहित्यकारों द्वारा लिखी गई आर्टिकल के लिंक।

बाल पत्रिकाएँ और बाल जिज्ञासाएँ

बाल नाटक : बाल विकास में नाटक का महत्व और हिन्दी बाल नाटक का विकास

बाल साहित्य का समीक्षात्मक अध्ययन

Popular Children's Book Quotes : 10+ CHILD READING QUOTES

हिन्दी बाल साहित्य : दशा और दिशा | Bal Sahitya

हिन्दी बाल कथा एवं काव्य में निहित संदेश पर एक नज़रिया

राजस्थानी बाल कहानियां : एक दृष्टि - दीनदयाल शर्मा

हिन्दी बाल काव्य में गाँधीजी : Children's Literature and Mahatma Gandhi Ji

बाल साहित्य का बच्चों पर प्रभाव : संजीव जायसवाल ‘संजय’

बाल साहित्य: अर्थ, परिभाषा और स्वरूप - डॉ. परशुराम शुक्ल

निष्कर्ष ; बाल साहित्य आज हिंदी का प्रमुख विधा बन गाय है, बाल साहित्य का बच्चों पर बहुत प्रभाव डालता है, इसलिए बाल साहित्य को समझना बेहद जरूरी है क्योंकि इसी साहित्य के माध्यम से बच्चों में मूल्यों का निर्माण कर सकते हैं।

FAQ;

Q. 'उपदेश कुसुम' किसकी रचना है?

Ans. बाल साहित्य की प्रसिद्ध किताब 'उपदेश कुसुम ' अयोध्या प्रसाद उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा लिखित  है।

Q. आधुनिक बालसाहित्य के प्रणेता कौन है?

Ans. आधुनिक बालसाहित्य के प्रणेता डॉ हरिकृष्ण देवसरे है।

Q. हिन्दी में बालसाहित्य का युग प्रवर्तक कौन है? 

Ans. हिन्दी में बालसाहित्य का युग प्रवर्तक "श्री जयप्रकाश भारती" जी है।

Q. "चांद का कुर्ता" किसकी बाल कविता है।

Ans. "चांद का कुर्ता" बाल कविता डॉ. रामधारी सिंह दिनकर की महत्वपूर्ण कविता है। बर्र और बालक, पढ़क्‍कू की सूझ, चूहे की दिल्ली-यात्रा, मिर्च का मज़ा, सूरज का ब्याह, किसको नमन करूँ मैं भारत? आदि इनकी प्रमुख बाल कविताएं है।

Q. श्रीधर पाठक की बाल कविताएं क्या है?

Ans. कुक्कुटी, उठो भई उठो, देल छे आए, तीतर, बिल्ली के बच्चे, तोते पढ़ो,  मैना,  चकोर, मोर, कोयल, गुड्डी लोरी आदि श्रीधर पाठक की बाल कविताएं है।

बाल साहित्य पर आधारित ये लेख आपको अच्छा लगा तो व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर पर समूहों में अपने दोस्तों से शेयर करें, धन्यवाद।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top