नए साल पर हिंदी कविताएँ : Happy New Year Poems in Hindi Kavita

Dr. Mulla Adam Ali
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Happy New Year Poems in Hindi : nav varsh Hindi kavitayen

Happy New Year Poems in Hindi

नव वर्ष के विषय पर बेहतरीन कविताएँ : इस नए साल के स्वागत पर आपके लिए शेयर कर रहे है नव वर्ष चार कविताएँ 1. नव वर्ष कविता 2. नया वर्ष कविता 3. अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा हिन्दी कविता 4. नये वर्ष के स्वागत में कविता। नए वर्ष के आगाज़ पर इन खूबसूरत कविताओं के साथ अपना नया वर्ष आरंभ करें, New Year Poems in Hindi आप Kavita Kosh के माध्यम से पढ़कर अपने साथियों, रिश्तेदारों और परिवारवालों के साथ जरूर शेयर करें। नव वर्ष के आगमन पर लिखी गई ये कविताएं आपमें नया जोश और उमंग भर देगी।

हिन्दी कविता में नव वर्ष का सुंदर चित्रण होता है, क्योंकि कविता वह माध्यम है जिसमें कवि अपने भावनाओं को पाठक तक पहुंचाता है सुंदर शब्दों में। तो चलिए शुरू करते हैं नव वर्ष पर प्रसिद्ध चार कविताएं। नई उम्मीद, नया दिन, नए साल पर आपके दिल को छू लेने वाले हैप्पी न्यू ईयर poems हिंदी में। Hindi Kavita Kosh New Year Kavita, Poems on Nav Varsh in Hindi...

नव वर्ष की कविताएँ : New Year Poetry

नव वर्ष की कविताएँ

नए साल में नई शुरुआत हिन्दी कविताओं के साथ : कविता कोश में पहली कविता नरेंद्र राय की नव वर्ष, इस कविता में कवि ने नए साल की शुभकामनाएं देते हुए यह कामना करते हैं कि इस नव वर्ष आपके जीवन में बहुत सारे खुशियां लेकर आएं विज्ञान का योग और स्वस्थ की कामना भी करते हैं। सीमाओं पर रक्षक दल की भी बात इस कविता में की गई है और परिवार बचपन आदि विषयों में सगरगर्भित नव वर्ष कविता।

1. नव वर्ष


सकल जगत के जन गण मन को

नव वर्ष, शुभमंगलमय हो।

धन धान्य निर्मल जल थल हो,

शीतल पवन मलय हो ।।


ज्ञान और विज्ञान योग हो, प्राणी का तन मन निरोग हो,

गोद न उजड़े मांग भरी हो, माँ बहनों को ना वियोग हो।

हरेक दिशा धरती अम्बर तक, भारत की जय जय हो ।।


स्नेह बढ़े मानव मानव में, भाव रहें सहयोगी मन में,

जाति भेद मिटे धरती से, देश भक्ति होवे जन जन में।

दुखी निराश प्राणी के मन, आशा का सूर्य उदय हो ।


जल थल अम्बर की रक्षा हो, आतंकता का दूर नशा हो,

विजयी विश्व तिरंगा ऊँचा, नभ से फूलों की वर्षा हो।

सीमाओं के रक्षक सेनानी का हृदय अभय हो ।।


स्वस्थ सुखी परिवार सभी का, आनंदित घर घर हो,

मुस्काता बचपन, हँसता यौवन हो, ना, कायार हो।

नव वर्ष के नव प्रकाश में, सबका भाग्य उदय हो ।।

- नरेन्द्र राय

New Year Poetry in Hindi  : Naya Saal Kavita

New Year Poetry in Hindi

नव वर्ष की, नव कविताएँ : डॉ. महाश्वेता चतुर्वेदी की कविता कोश में दूसरी कविता नव वर्ष में बहुत ही मार्मिक अभिव्यक्ति की गई है। सत्ता, शासन, हिंसा, लूट और अपराध पर इस नव वर्ष कविता में वर्णन किया गया है, तो चलिए न्यू ईयर प्रेरणादायक कविता पढ़िए।

2. नया वर्ष


कुछ न नया है पाया,

नया वर्ष है आया।


हत्या - लूट-डकैती हिंसा

वही सभी गाथायें ।

वही तीव्रता से चलती हैं

सब अपराध कथायें।

वहीं ब्लास्ट और वही धमाकें

जस का तस है लाया।


चलता है पहिले के जैसा

नारी का उत्पीड़न ।

वही हवस के मिले भेड़िये

वही आपसी टूटन ।

नाम नहीं लेता छटने का

वहीं कुहासा छाया


नादिर अहमदशाह अब्दाली

चंगेजी वे चेहरे।

निकल चुके इनसे भी आगे

वही आज भी घेरे।

सत्ता चाहे बदली

चरित वहीं मुस्काया।


बनी नायिकायें हैं गाँधी

पीछे छूटे गाँधी

इस रीमिक्सवाद के युग में

कम कपड़ों की आँधी।

उपदेशों से अधिक कर्म ने

इनको खूब लुभाया।


वही अपंग व्यवस्थायें सब

वही विवश है शासन

अन्ध मोहमय सुविधा भोगी

वही प्रबल दुःशासन

पुण्य- सुमन मुरझाया

विकसित पाप सुहाया।

- डॉ. महाश्वेता चतुर्वेदी

Kavita in Hindi New Year : कविता हिंदी में

Kavita in Hindi New Year

अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा कविता : कविता में नव वर्ष पर तीसरी कविता रामचरण यादव की अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा। कविता में कवि ने नए साल का अभिनंदन करते हुए प्रेम, एकता और भाईचारा देश में विकसित हो और निराश, नफरत, घृणा दूर भागकर शांति की स्थापना की बात कर रहे। यह कविता प्रेरणादायक है और बहुत ही मार्मिक अभिव्यक्ति के साथ प्रस्तुत की गई है। शिक्षा के महत्व को और भारत देश के विकास की कामना नव वर्ष की कविता में दिखाई देती है।

3. अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा


जन जन को लगता है प्यारा, सदियों तक रहे साथ हमारा

खुशी में झूम उठे जग सारा, अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा'


हमको है पूरा विश्वास, स्वप्न सभी होगें साकार

कोई न होगा कभी निराश, पायेंगें सुख शांति अपार

प्रेम, एकता, भाई चारा, गूंजेगा जय हिन्द का नारा,

बन जाओ निर्बल का सहारा, अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा...


शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ सुरक्षा, बदलेगें भारत का नक्शा

करेगें सदा जो होगा अच्छा, मार्ग दिखाओं सबको सच्चा

कुदरत का सब खेल है सारा, क्या सुनाऊँ तुमको यारा

दिल दिया तुझको दिलदारा, अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा...


हृदय में सद्भाव जगाओ, इस धरा को स्वर्ग बनाओं

गीत खुशी के हरदम गाओ, देश प्रेम की धार बहाओ

फैले सुख शांति उजियारा, रामराज्य आयेगा दुबारा

समझ गये समय का इशारा, अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा...


देश में हो प्रगति और प्रीत, याद न आये कभी अतीत

निभाओ जग की पुरानी रीत, 'यादव' के बन जाओ मीत

तभी मिलेगा कोई किनारा, जिसने अपना जीवन संवारा

पाप का बोझ सर से उतारा, अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा...

- रामचरण यादव

Welcome New Year Poem : Nav Varsh Ka Swagat Kavita

Welcome New Year Poem

कविता नए वर्ष के स्वागत में : चौथी कविता प्रो.टी. मोहन सिंह की कविता में नये वर्ष के स्वागत में कवि ने अमीर और गरीब के नव वर्ष का सुंदर और रोचक वर्णन किया है, नया साल सभी के लिए एक जैसा नहीं होता इसी विषय को यह कविता स्पष्ट करती है कि नए साल के आगमन पर लोग किस तरह सड़कों पर नाच रहे, पार्टी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर गरीबी से लोग किस तरह परेशान है इसी को कविता में बताया गया है नये वर्ष के स्वागत में।

4. नये वर्ष के स्वागत में


नये वर्ष के स्वागत की

जोरो की तैयारियों हो रही हैं

इस नगर के

प्रत्येक क्लब में।


स्त्री-पुरुष

चूड़े और जवान

व्यापारी-अधिकारी

नेता-अभिनेता

वकील और मुवक्किल

एकत्रित हुए हैं।


शोर मचा हुआ है

कि कुछ मिनटों में

नया साल आने वाला है।


कोई मोम बत्तियाँ जला रहा है

कोई बाजे बजा रहा है

कोई केक काटने की

तैयारी कर रहा है।


लोग नाच रहे हैं

गा रहे हैं

बारों के टेबुलों पर

गलियों, सड़कों. चौराहों पर


शराब की बोतलें

उन्मुक्त भाव से

खोली जा रही हैं

अश्लील चर्चाएँ

छेड़ी जा रही हैं;

मस्ती में युवायें

बार बार

हुड़दंग मचा रहे हैं;

कहीं व्याप्त है

सिगरेट का धुआँ

तो कहीं व्याप्त हैं

हँसी और कह-कहे;

सम्पूर्ण वातावरण

मादकता से भर गया है

यौवन

रूप

और

वासना के मिलाप से

वहाँ

जोश का एक उफ़ान आया है

अचानक बत्तियाँ बुझ गई

तब

चुंबनों की बहार आई

लड़कों की इस निर्लज्जता से

मदहोश लड़कियाँ लजायी

अचानक

जब बत्तियाँ जल उठी

वह खुशी खिसक गई चुपचाप

जिसे पकड़ने की

कोशिश कर रहे थे युवा जिस्म

जैसे ही

रंगबिरंगी फटाकों की कांति से

सजने लगा आकाश

वैसे ही

राहगीरों की आँखों में

व्याप्त होने लगी दहशत।


लालसा और थकावट के

सम्मिश्रण से

नव वर्ष के स्वागत में

धूम-धाम से

चारों ओर

गूंजने लगी यह आवाज-

हैपी न्यू इयर !

हैपी न्यू इयर टु एवरी बडी!

स्वागत है

नये वर्ष का स्वागत है।

मादकता और मदहोशी में

धीरे धीरे

ढलने लगी वह रात

जो हरवर्ष एक ही बार आती है।

- प्रो.टी. मोहन सिंह

दोस्तों नए साल पर ये चार कविताएं आपको कैसी लगी, अगर आपको ये कविताएं अच्छी लगी हो तो कॉमेंट बॉक्स में अपना कॉमेंट लिखें और अपनों के साथ शेयर करें, आप सभी हैप्पी न्यू ईयर, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं, धन्यवाद।

ये भी पढ़ें; नव वर्ष पर कविता 2025 : नए साल पर 5 प्रसिद्ध हिंदी कवियों की कविताएं

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