उन्हें नमन है : त्रिलोक सिंह ठकुरेला - कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Unhe Naman Hain Kavita in Hindi : Trilok Singh Thakurela Poetry

Trilok Singh Thakurela Poetry

उन्हें नमन है कविता : हिन्दी भाषा और साहित्यिक ब्लॉग के कविता कोश में आज आपके लिए प्रस्तुत है त्रिलोक सिंह ठकुरेला की कविता उन्हें नमन है। त्रिलोक सिंह ठकुरेला राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत है, सुपरिचित कुण्डलियाकार विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में बाल गीत, कविता, हाइकु, दोहे, गीत, नवगीत, लघुकथा एवं कहानी प्रकाशित है।

उन्हें नमन है / त्रिलोक सिंह ठकुरेला

स्वार्थ-भाव से ऊपर उठकर ,

जो जगहित को ध्येय बनाते । 

उन्हें नमन है, जो निज श्रम से 

औरों का जीवन महकाते ।। 


आशाओं के दीप जलाकर, 

जो जग को जगमग कर देते । 

उन्हें नमन है, जो सुख देकर

जन जन की कुंठा हर लेते ।। 


धूप-मेह-सर्दी सहकर भी,

सकल लोक हित अन्न उगाते ।

उन्हें नमन है, जिनके श्रम से 

सभी उदर भर भोजन पाते ।। 


मानवता के लिए रात-दिन 

नये नये अन्वेषण करते । 

उन्हें नमन है, नयी खोज कर

जो लोगों में खुशियां भरते । 


जिन्हें राष्ट्र सबसे प्यारा है, 

राष्ट्र हेतु जो सदा समर्पित ।

उन्हें नमन है, राष्ट्र-यज्ञ में 

जो सब कुछ कर देते अर्पित ।।

- त्रिलोक सिंह ठकुरेला

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