बाल सतसई : 10+ बच्चे के विषय पर बेहतरीन दोहे - डॉ. परशुराम शुक्ल

Dr. Mulla Adam Ali
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बालसतसई से 10 दोहे बच्चों के लिए डॉ. परशुराम शुक्ल द्वारा लिखे गए बेहतरीन हिंदी दोहे। अभभावकों और बच्चों के लिए उपयोगी "प्रतिनिधि बाल कविताएँ" पुस्तक से संग्रहित दोहे।

Bal Satsai : 10+ Bal Diwas Par Dohe in Hindi - Dr. Parshuram Shukla

Bal Diwas Par Dohe in Hindi

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बाल सतसई / डॉ. परशुराम शुक्ल

Bal Satsai (Hindi Children's Couplets)


बच्चों के मन देखिये, सब धर्मों का सार।

बच्चे ही संसार हैं, बच्चों से संसार ।। 1।।


बच्चों में रहते सदा, परमपिता भगवान।

पापी इनको पीटते, और खींचते कान ।। 2 ।।


बाल विश्व में खोजिये, इस जीवन का सार।

मिल सकता है आपको, जीने का आधार ।। 3।।


बच्चों बिन क्या जिन्दगी, क्या जीवन का अर्थ।

सब कुछ पर इनके बिना, सारा जीवन व्यर्थ ।। 4 ।।


बड़ा अनोखा देखिये, बच्चों का व्यापार।

मिल जाये यदि एक भर, देते सौ भर प्यार ।। 5 ।।


दादा-दादी से कहें, बड़े हमारे भाग।

कुल दीपक ने दे दिया, कुल को नया चिराग ।। 6 ।।


बच्चों की किलकारियों, में इतना आनन्द ।

इनके सम्मुख हो गया, फीका ब्रहमानन्द ।। 7।।


बच्चों के नित साथ में, शिक्षक खेलें खेल।

दोनों में अन्तर घटे, बढ़ता जाता मेल ।। 8 ।।


विद्यालय में ही मनें, सब के सब त्योहार।

सर्वधर्म शिक्षा मिले, बढ़े सभी में प्यार ।। 9 ।।


बच्चों के स्कूल पर, बच्चों का अधिकार।

मार डाँट सब बन्द कर, इन्हें दीजिये प्यार ।। 10।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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