बाल साहित्य के अंतर्गत आज आपके लिए प्रस्तुत है डॉ. परशुराम शुक्ल की "प्रतिनिधि बाल कविताएँ" पुस्तक से संग्रहित अभिभावकों और बच्चे के लिए उपयोगी दोहे, हिन्दी दोहे बच्चों के लिए डॉ. परशुराम शुक्ल के दोहे हिन्दी में। बच्चों के विषय पर दोहे। hindi dohe, couplets in hindi..
Bal Satsai : Children Couplets in Hindi - Dr. Parshuram Shukla
हिन्दी दोहे बच्चों और अभिभावकों के लिए डॉ. परशुराम शुक्ल के द्वारा लिखे गए बाल सतसई के 12 दोहे। hindi bal satsai dohe, dr. parshuram shukla ke dohe, hindi dohe for kids..
बाल सतसई / डॉ. परशुराम शुक्ल
Bal Satsai (Children's Couplets)
भारत की सरकार में, बच्चे सुख से दूर।
पढ़ने वाली आयु में, बने बाल मजदूर ।। 1 ।।
बच्चों का आदर करो, ये समाज के प्राण।
ये भविष्य में करेंगे, नव समाज निर्माण ।। 2 ।।
लड़का लड़की में नहीं, फर्क रह गया आज।
अज्ञानी समझे नहीं, समझे सभ्य समाज ।। 3 ।।
धर्म और आतंक का, खोल रहा है राज।
मानव बम तक बन गया, देखो बच्चा आज ।। 4 ।।
सकल विश्व को देख कर, तुम्हें बताता आज ।
बच्चों की उतनी प्रगति, जितना सम्य समाज ।। 5 ।।
माता का परिवार में, यदि ऊँचा स्थान।
सबकी हो उन्नति, बने, वह परिवार महान ।। 6 ।।
माँ का बेटे से सदा, होता वह सम्बन्ध ।
अलग न कोई कर सके, धरती का प्रतिबन्ध ।। 7 ।।
अलग-अलग रूचियाँ मगर, फिर भी है सद्भाव ।
चमत्कार सा देखिये, ये परिवार प्रभाव ।। 8 ।।
होती है परिवार में, एक अनोखी बात।
नहीं दिखावा दूर तक, दिन हो चाहे रात ।। 9 ।।
हम सबको यह चाहिये, करें एक इन्साफ ।
बच्चे सब निर्दोष हैं, इनके अवगुण माफ ।। 10।।
जैसे-जैसे वय बढ़े, नींद चैन खो जाय ।
मानव यदि बच्चा रहे, जीवन भर सुख पाय ।। 11 ।।
संतो से भी बड़े हैं, ये गुदड़ी के लाल ।
बड़े स्वाद से खा रहे, सूखी रोटी-दाल ।। 12 ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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