बाल सतसई : बच्चों के लिए परशुराम शुक्ल के आठ दोहे

Dr. Mulla Adam Ali
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Bal Satsai : Children Couplets in Hindi - Dr. Parshuram Shukla

Bal Satsai Children Couplets in Hindi

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बाल सतसई / डॉ. परशुराम शुक्ल

Bal Satsai (Children's Couplets)


सरल, सरस, सुन्दर, सुखद, मीठा, मधुर स्वभाव ।

बच्चों में मिलता सदा, सर्वधर्म समभाव ।। 1 ।।


गीता और कुरान में, समय गँवाते व्यर्थ ।

बच्चों में पढ़ लीजिये, मानवता का अर्थ ।। 2 ।।


राम मुहम्मद से कहे, सुनो हमारी बात।

हम तुम ईसा रहेंगे, सारे जीवन साथ ।। 3 ।।


बेटी ने इन्सान का, सदा दिया है साथ।

हर महान व्यक्तित्त्व के, पीछे इसका हाथ ।। 4 ।।


बेटे से मैं कम नहीं, बेटी का उद्घोष।

यदि मुझको अवसर मिले, देखो मेरा जोश ।। 5 ।।


बच्चों को मैं मानता, देवों का सम्राट ।

आँख बन्द कर देखता, इनका रूप विराट ।। 6 ।।


अन्त समय में सभी को, याद रहें दो नाम ।

अपना जाया पुत्र अरू, सीतापति श्री राम ।। 7 ।।


बच्चों को दिखलाइये, धरा और आकाश ।

भर देंगे ये विश्व में, पावन दिव्य प्रकाश ।। 8 ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)

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