Parshuram Shukla Bal Satsai Dohe Useful for Parents and Children in Hindi, Pratinidhi Bal Kavitayein in Hindi, Doha Kosh Hindi
Bal Satsai : Useful Couplets for Parents And Children - Dr. Parshuram Shukla
परशुराम शुक्ल की सर्वोत्तम कृति बाल सतसई के 30+ दोहे बच्चों के लिए उपयोगी शिक्षाप्रद दोहे। "प्रतिनिधि बाल कविताएँ" से संग्रहित दोहे, परशुराम शुक्ल के दोहे, दोहा कोश, हिंदी कविताएं, कविता कोश, Hindi Dohe of Parshuram Shukla, Doherty in Hindi...
बाल सतसई / डॉ. परशुराम शुक्ल
Bal Satsai (Children's Hindi Couplets)
इम्तहान में देखिये, शिक्षक का व्यवहार।
जैसे बच्चे चोर हों, शिक्षक थानेदार ।। 1 ।।
पेपर आउट कर दिया, देखो यह अंधेर।
इम्तहान के नाम पर, शिक्षक बने कुबेर ।। 2 ।।
इम्तहान का नाम सुन, बच्चे हों बीमार।
पास सभी को कीजिये, यही एक उपचार।। 3 ।।
लाना है यदि राह पर, करना दूर घमण्ड ।
फेल एक भी हो अगर, तो शिक्षक को दण्ड ।। 4 ।।
नियमित पढ़ना चाहिये, यदि होना है पास।
घबराहट भी दूर हो, बढ़े आत्म विश्वास ।। 5 ।।
भोजन में हो सन्तुलन, और भरा हो प्यार।
तन मन में फुर्ती रहे, ऐसा हो आहार ।। 6 ।।
बच्चों के आहार में, सदा मिलायें प्यार।
बिना प्यार आहार सब, हो जाता बेकार ।। 7 ।।
लड़ें-भिड़ें, रोयें, हँसें, खेलें रूप बनाय।
बच्चे जो कुछ भी करें, सब कविता हो जाय ।। 8 ।।
भवसागर की मार से, थक जायें यदि आप ।
बच्चों के संग खेल कर दूर करें संताप ।। 9 ।।
बच्चों वाले खेल में, छोटा-बड़ा न कोय।
बूढ़ा भी बच्चा बने, बड़ा रहे नहिं कोय ।। 10 ।।
माता के संग लड़ पड़े, और न मानी हार।
ये भी इनका प्यार है, वो भी इनका प्यार ।। 11 ।।
परदे पीछे जा छिपे-भोलेपन से आज ।
'मुझको आकर ढूँढ़ लो,' देते हैं आवाज ।। 12 ।।
बच्चों को हर हाल में, प्यार करें भरपूर।
स्वस्थ रहें, सुन्दर रहें, बीमारी से दूर ।। 13 ।।
नियमित प्रातःकाल उठ, सदा कीजिये योग।
दिव्य शक्ति उत्पन्न हो, भागें सारे रोग।। 14 ।।
बच्चों की उपलब्धियाँ, कौन सकेगा माप।
देखें, समझें, ध्यान से, और सराहें आप ।। 15 ।।
खुश रहना ये चाहते, देते खुशी अपार ।
बच्चों के संग कीजिये, खुशियों का व्यापार ।। 16 ।।
बच्चों को पहचानना, काम नहीं आसान।
पहले पढ़ना चाहिये, बाल मनोविज्ञान ।। 17 ।।
गोदी वाला लाल भी, समझे सब व्यवहार ।
प्यार करो तो हँस पड़े, डाँटो तो लाचार ।। 18 ।।
बच्चों की बरबादियों, का होता भय मूल।
जो कुछ भी आता इन्हें, वो भी जाते भूल ।। 19 ।।
महँगी सस्ती से नहीं, इनको कोई काम।
बिल्डिंग लेकर ये करें, बिल्डिंग उसके नाम ।। 20 ।।
सच्चे ब्रह्मानंद हैं, कला और संगीत ।
बच्चों को होती सदा, इनसे गहरी प्रीत ।। 21 ।।
छोटे बच्चे मानते, शिक्षक को आदर्श ।
यदि शिक्षक आदर्श हो, तो संभव उत्कर्ष ।। 22 ।।
छोटे बच्चे दे रहे, ये कैसा पैगाम ।
जो करने से रोकिये, वही करेंगे काम ।। 23 ।।
कॉन्वेन्ट, पब्लिक कहीं, घटिया कुछ की शान।
सरस्वती के धाम ये, सब हों एक समान ।। 24 ।।
दोनों एक समान हैं, बेटी हो या बाल।
मने जन्म दिन एक सा, धूम मचे हर साल ।। 25 ।।
जन्म दिवस पर बाल के, देता कवि आशीष ।
रचनाधर्मी तुम बनो, रचो ग्रन्थ दस-बीस ।। 26 ।।
माता देखे लाल को, देखे पिता भविष्य ।
गुरू देखे क्या बनेगा, मेरा प्यारा शिष्य ।। 27।।
बच्चों को अच्छे लगें, सब अपने त्योहार।
खाते पीते झूमते, होती खुशी अपार ।। 28 ।।
भूखा बालक देख माँ, करती सोच विचार।
मिल जाये यदि पेट भर, हो जाये त्योहार ।।।29 ।।
नेट टी वी ने दिया है, बहुत बड़ा आकाश।
बाल कल्पना शक्ति का, करके खूब विकास ।। 30 ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
ये भी पढ़ें; Bal Satsai Bal Dohe in Hindi : 25+ Famous Dohe of Parshuram Shukla