Bal Satsai Bal Dohe in Hindi : 25+ Famous Dohe of Parshuram Shukla

Dr. Mulla Adam Ali
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Bal Satsai : Famous Couplets for Childrens in Hindi - Dr. Parshuram Shukla

Famous Couplets for Childrens in Hindi

भारत की पहली 'बाल सतसई' से बच्चों के लिए उपयोगी 25 दोहे हिन्दी में, "प्रतिनिधि बाल कविताएँ" पुस्तक से संग्रहित परशुराम शुक्ल के हिन्दी प्रसिद्ध बाल दोहे, बाल साहित्यिक दोहे हिन्दी में शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक दोहे। dohe of parshuram shukla, hindi bal dohe, bal satasai children couplets, kavita kosh, doha kosh in Hindi...

बाल सतसई / डॉ. परशुराम शुक्ल

Bal Satsai (Children's Couplets)


बच्चों में गुण बहुत हैं, छू सकते आकाश ।

नैतिक शिक्षा से करें, इनका स्वस्थ विकास ।। 1 ।।


नैतिक शिक्षा के समय, रखिये इसका ध्यान।

बच्चे भी अनुभव करें, मान और सम्मान ।। 2 ।।


पशुवत बच्चा जन्म ले, पशु जैसा व्यवहार ।

नैतिक शिक्षा से करें, इसमें नित्य सुधार।। 3।।


बच्चे नैतिक चाहते, मॉडल बनिये आप।

देख-देख कर आपको, बच्चे बनते आप ।। 4 ।।


धीरे-धीरे दीजिये, बच्चों को यह ज्ञान।

नैतिकता से बनेंगे, आप सफल इन्सान ।। 5 ।।


अलग अलग होती प्रकृति, इसे जानिये आप।

वरना शिक्षा बनेगी, जीवन का अभिशाप ।। 6 ।।


नैतिक शिक्षा दीजिये, उद्धरणों के साथ।

असर पड़ेगा बाल पर, कुछ आयेगा हाथ ।। 7 ।।


सीधी-सीधी बात पर, बच्चे दें कम ध्यान ।

बात घुमा कर कीजिये, दूर सदा अज्ञान ।। 8 ।।


बात एक है ढंग दो, कहन-कहन का फेर।

एक लगे अंगूर सी, एक लगे मन बेर ।। 9।।


बच्चों में विकसित करें, सकारात्मक सोच ।

खेल भावना भी भरें, ज्यों क्रीकेट का कोच ।। 10 ।।


भोजन पानी जिस तरह, लेते नियमित नित्य।

नैतिक शिक्षा के लिए, आवश्यक साहित्य ।। 11 ।।


हम बच्चे यह जानते, रखते मन में ध्यान ।

सर्वोपरि इस विश्व में, योग और विज्ञान ।। 12 ।।


ज्ञान और विज्ञान के, करके नये प्रयोग।

सबका हल पा लीजिये, यह इनका उपयोग ।। 13 ।।


बुके नहीं बुक दीजिये, बच्चों को उपहार।

हम मानेंगे आपका, बहुत बड़ा उपकार ।। 14।।


बच्चे करते हैं सदा, पुस्तक का सम्मान ।

पैर न छू जाये कहीं, रखते इसका ध्यान ।। 15 ।।


हर बच्चे के पास हो, पुस्तक का भंडार।

मित्र समझ कर वह करे, पढ़ने पर उपचार।। 16 ।।


बच्चे पढ़ कर पुस्तकें, करते जग में नाम।

देती हैं ये प्रेरणा, दूर करें अज्ञान ।। 17 ।।


देश-धर्म की संस्कृति, और ज्ञान-विज्ञान ।

बच्चों के साहित्य में, रखिये इनका ध्यान ।। 18।।


बच्चों के साहित्य में, देशप्रेम के गीत ।

मन इनके पैदा करें, भारत माँ से प्रीत ।। 19 ।।


बच्चे बूढ़े सभी जन, करें पुस्तकें दान ।

सबसे उत्तम धर्म यह, मेटे सब अज्ञान।। 20 ।।


कुहू कुहू कुछ कह रहा, कोयल बारम्बार ।

बच्चों को अच्छी लगें, उसकी मधुर पुकार ।। 21 ।।


बच्चे ने वन में पढ़ा, एक नया अध्याय ।

अपने घर का पालतू, तोता दिया उड़ाय ।। 22 ।।


पानी, मिट्टी, वायु सब, रखिये बिल्कुल साफ।

वरना भावी पीढ़ियाँ, नहीं करेंगी माफ ।। 23 ।।


कान फोड़ती ध्वनि हमें, बहरा रही बनाय।

ध्वनि कम से कम कीजिये, है बस यही उपाय ।। 24 ।।


बच्चों की खुशियाँ सभी, सदा प्रकृति के साथ।

दूर प्रकृति से जो हुए, रहा न कुछ भी हाथ ।। 25 ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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