हिन्दी साहित्य जगत के महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जयंती 31 जुलाई पर विशेष उनके द्वारा कहे गए अनमोल उद्धरण हिंदी में आपके समक्ष प्रस्तुत है। हिन्दी साहित्य की दुनिया में उपन्यास सम्राट नाम से ख्यात प्राप्त यथार्थवादी रचनाकार प्रेमचंद के जन्मदिन पर विशेष 12 अनमोल वचन।
Jayanti Special : Munshi Premchand Quotes in Hindi
Munshi Premchand Hindi Quotes : कलम के सिपाई मुंशी प्रेमचंद का जन्म वाराणसी के निकट लमही गांव में 31 जुलाई, 1880 को हुआ, उनका बचपन का नाम धनपतराय श्रीवास्तव था, उर्दू और हिंदी में ख्यात प्राप्त है। वे नवाब राय नाम से उर्दू में लिखा करते थे, फिर बाद में उन्होंने हिन्दी में प्रेमचंद नाम से लिखना शुरू किया। मुंशी प्रेमचंद अपने समय के उर्दू और हिंदी के सभी पत्र पत्रिकाओं में अपनी रचनाएं प्रकाशित किया है। वे उर्दू और हिंदी में लोकप्रिय कहानीकार और उपन्यासकार है, इतना ही नहीं साहित्यिक पत्रिका हंस और हिन्दी समाचार पत्र जागरण का संपादन भी किया है। आज महान साहित्यकार के जन्मदिन पर प्रसिद्ध उद्धरण यहां दिए गए हैं, पढ़े और शेयर करें।
प्रेमचंद के 12 चुनिंदा कोट्स
Munshi Premchand Ke Anmol Vachan
मुंशी प्रेमचंद के उद्धरण आप यूट्यूब पर भी देख सकते हैं, नीचे वीडियो दिया गया है, वीडियो देखे कमेंट, लाइक और शेयर करें।
Munshi Premchand Quotes on Injustice
अन्याय के प्रति मुंशी प्रेमचंद के विचार, अन्याय करना ही नहीं, अन्याय के पक्ष में रहना या बढ़ावा देना भी अन्याय करने के समान है।
Hope Quotes in Hindi by Premchand
आशा और उत्साह पर प्रेमचंद के विचार, कोई भी काम उत्साह के करना है, यह उत्साह आशा (Hope) रखने से मिलता है। किसी काम को एक सकारात्मक परिणाम को सोचकर करना चाहिए।
Disappointed Quotes in Hindi by Premchand
स्वार्थ पर प्रेमचंद के अनमोल विचार इंसान स्वार्थ में पगला बन जाता है, जब मनुष्य पर स्वार्थ हावी कर जाती है तो वह रिश्ते तक भूल जाते है, सिर्फ अपने फायदे के लिए ही सोचने लगते हैं।
Quotes about Parents and Children in Hind : Anmol Vachan in Hindi
संतान और माता पिता पर प्रेमचंद के सुविचार, संतान जब बुढ़ापे में सहारा न देती है तो समझो वह संतान सिर्फ आपके घर और जयदाद के लिए ही आपको सम्मान दिया था, जब घर और जयदाद उनके होने पर आपकी कोई सम्मान वह नहीं करते।
Quotes about life in Hindi by Premchand
जब हमारे पास खोने के लिए कुछ भी न हो फिर भी हम संतुष्ट हैं तो मानो आप सबसे अमीर है, पैसों के साथ आपकी खुशी जुड़ी हैं तो आप जीवन में कभी भी संतुष्ट नहीं रह सकते हैं। सबकुछ खोकर भी अपने आप पा सकते हैं तो वहीं सबसे बड़ा मूलधन है।
Premchand Patience quotes to inspire you
अच्छे कामों का परिणाम निकलने में देरी लगी तो आप निराशा मत होइए, क्योंकि बुरे काम का परिणाम जल्दी निकलता है, अच्छे कामों की सिद्धि में देर लगती है।
Premchand Motivation for Helping Others
जीवन का वास्तविक सुख क्या इस पर प्रेमचंद के विचार, दूसरों को सहायता कर, उनके जीवन में शांति की स्थापना के लिए कोशिश करना ही वास्तविक जीवन का सुख है। दूसरों के सुख को छीनने में वास्तविक सुख नहीं है।
Mistake quotes in Hindi by Premchand : Galti Quotes in Hindi
कोई भी इंसान अनजाने में गलती कर बैठता है, लेकिन उसी गलती को दोहराना वास्तव में गलती कहलाती है, अनजाने में किए गलती से ज्यादा फिर से उसी गलती को करना पाप है।
Alochana Quotes by Premchand : Criticism Quotes In Hindi
आलोचना और बुराई के बीच के अंतर को समझाते हुए प्रेमचंद कहते हैं कि आलोचना और बुराई में बहुत अंतर है, आलोचना एक दूसरे को करीब पहुंचाती हैं तो बुराई एक दूसरे को दूर।
Premchand Self Respect Quotes In Hindi : Insult Quotes In Hindi
कानून के भय से ज्यादा अपमान का भय है, जितना लोग गलती करने पर कानून से डरते है, उतना ही अपमान से भी।
Uphas Quotes : Justice Quotes in Hindi by Premchand
उपहास और विरोध पर प्रेमचंद के उद्धरण, जीवन में आगे बढ़ते समय कई उपहास और विरोधों का सामना करना पड़ता है। वातव यही उपहास और विरोध सफलता प्राप्ति के लिए पुरस्कार है।
इस आलेख में प्रेमचंद जयंती पर उनके याद में प्रसिद्ध अनमोल विचार दिए गए हैं, ये 12 अनमोल वचन मुंशी प्रेमचंद द्वारा कहे गए हैं और विश्व प्रसिद्ध है, अन्याय पर अनमोल विचार, आशा और निराशा पर अनमोल वचन, उपहास और विरोध पर अनमोल सुविचार, आलोचना और अपमान पर उद्धरण आदि। प्रेमचंद का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ तो वे बचपन से ही गरीबी को झेला है, ट्यूशन पढ़ते हुए मैट्रिक तथा नौकरी करते हुए बीए पास किया है, प्रेमचंद एक यथार्थवादी कहानीकार और उपन्यासकार है, उन्होंने अपनी रचनाओं में कोरी कल्पना के बजाय यथार्थ जीवन का चित्रण किया है। उनकी पहली कहानी उर्दू के ज़माना पत्रिका में प्रकाशित हुई, स्वतंत्रता आंदोलन के चलते समय प्रेमचंद ने सोचा की हिंदी में लिखने से अपनी बात ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी, इसलिए उन्होंने नवाब राय नाम को बदलकर हिंदी में प्रेमचंद के नाम से लिखना शुरू किया। मुंशी प्रेमचंद कहानीकार, उपन्यासकार ही नहीं एक अच्छे पत्रकार और संपादक भी थे। आज 31 जुलाई उनके जन्म दिवस पर कोटि-कोटि प्रणाम। प्रेमचंद के कोट्स अच्छे लगे तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जरूर शेयर करें, धन्यवाद।
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