बाल सतसई से छोटे बच्चों के लिए, अभिभावकों के लिए, शिक्षकों के लिए उपयोगी प्रेरणादायक, शिक्षाप्रद दोहे, "प्रतिनिधि बाल कविताएँ" से संग्रहित दोहे, डॉ. परशुराम शुक्ल के दोहे हिन्दी में प्रसिद्ध दोहे बाल सतसई।
Bal Satsai : Children Hindi Couplets - Dr. Parshuram Shukla
बाल सतसई : 15+ बच्चे के लिए बेहतरीन दोहे, बाल साहित्यकार डॉ. परशुराम शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी दोहे। dohe of parshuram shukla in hindi, hindi dohe, hindi couplets, kavita kosh, Doha Kosh...
बाल सतसई / डॉ. परशुराम शुक्ल
Bal Satsai (Children's Couplets)
प्रकृति प्रदूषण का अगर, हो जाये यदि अन्त ।
इस धरती पर रहेगा, बारह मास बसन्त ।। 1 ।।
बच्चे देशाटन करें, इससे बढ़ता ज्ञान ।
जानकारियाँ विश्व की, दूर करें अज्ञान ।। 2 ।।
हिन्दी देवी शारदा, हिन्दी सबकी आस ।
हिन्दी भाषा का करो, सबसे अधिक विकास ।। 3 ।।
जहाँ राष्ट्रभाषा नहीं, गूँगा है वह देश।
डूब मरो सब शर्म से, बच्चों का आदेश ।। 4 ।।
तोड़फोड़ से सभी का, होता है नुकसान।
हम बच्चे लेते सदा, सत्याग्रह से काम ।। 5 ।।
सरकारी बस में करे, कंडक्टर इन्साफ ।
चलो खड़े हो सीट से, टिकट तुम्हारा हाफ ।। 6 ।।
अस्पताल सरकार के, लूट रहे हैं आज।
बच्चों का भी ठीक से, करते नहीं इलाज ।। 7 ।।
कचरे में ये ढूँढते, हैं अपनी तकदीर ।
हृदयहीन सरकार के, होत न मन में पीर ।। 8 ।।
भारतीय जनतंत्र में, बच्चों पर यह मार।
आधे आधे पेट हैं, आधे हैं बीमार ।। 9 ।।
बच्चों की रक्षा करें, सारे विकसित देश।
भारत भी ऐसा करे, कवि का यह आदेश ।। 10 ।।
बात दूर की है बहुत, डाँट मार, फटकार।
कोई छू सकता नहीं, यदि चाहे सरकार ।। 11 ।।
बच्चे कच्चे मोम से, सिद्ध हो चुका आज ।
अगर करें अपराध ये, जुम्मेदार समाज ।। 12 ।।
प्रजातंत्र के नायकों, दूर करो यह खेद ।
बच्चे- बच्चे में दिखे, कहीं न कोई भेद ।। 13 ।।
तन चिथड़े, रोगी बदन, बड़े बुरे बेहाल।
राम भरोसे पल रहे, ये गुदड़ी के लाल ।। 14 ।।
बच्चों पर जिस देश ने, दिया अधिकतम ध्यान।
जाकर देखो बन गया, है वह देश महान ।। 15 ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
ये भी पढ़ें; बाल सतसई : 10+ बच्चे के विषय पर बेहतरीन दोहे - डॉ. परशुराम शुक्ल