विश्व नशा निवारण दिवस 26 जून मनाया जाता है, कविता कोश में प्रस्तुत है विश्व नशा मुक्ति दिवस पर विशेष बाल कविता अद्भुत नाटक। डॉ. परशुराम शुक्ल की कविता अद्भुत नाटक, प्रतिनिधि बाल कविताएं हिंदी में।
Poem on International Anti-Drug Day : Dr. Parshuram Shukla
अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर कविता : प्रत्येक वर्ष 26 जून को नशीली चीजों और पदार्थों के निवारण के लिए अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता हैं। आज आपके लिए विश्व नशा मुक्ति दिवस दिवस पर कविता अद्भुत नाटक। बच्चों में नशीले पदार्थों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लिखी गई शिक्षाप्रद बाल कविता अद्भुत नाटक है। बाल साहित्यकार डॉ. परशुराम शुक्ल के द्वारा बच्चों के लिए विश्व नशा मुक्ति दिवस पर बेहतरीन हिन्दी कविता। कविता कोश, हिन्दी कविताएं, हिन्दी कविता संग्रह, Poem on World Drug Day, poem on International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking, hindi kavita kosh, poetry collection in hindi, pratinidhi bal kavitayen...
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर कविता
अद्भुत नाटक / डॉ. परशुराम शुक्ल
बच्चों ! राजू के मित्रों ने,
काम किया अलबेला ।
सबने मिल कर नाटकघर में,
अद्भुत नाटक खेला।।
राजू गंगा का पंडा बन,
भाँग छान कर आया।
और अनिल ने लेकर सिगरेट,
सुट्टा खूब लगाया।
पीकर गाँजा रामलखन ने,
आँखें लाल बनाईं ।
नीना, मीना ने ताड़ी पी,
बाहें खूब चढ़ाई ।।
मोहन, टिल्लू बातें करते,
बोतल लेकर आये ।
और बैठकर सबके आगे,
बारह पैग चढ़ाये ।।
सोनू ने इठलाकर खाया,
फिर अफीम का गोला।
और नशे में चूर हुआ तो,
गुस्से में यूँ बोला ।।
अपने पैसे से खाते हैं,
अपने धन से पीते ।
हम अपने मन के मालिक हैं,
अपने ढंग से जीते ।।
मोहन, टिल्लू, धुत्त नशे में,
समझ नहीं कुछ पाये ।
और नशे में सोनू जी को,
चाँटे चार लगाये ।।
नीना, मीना ने आगे बढ़,
उन तीनों को रोका।
लेकिन नीना, मीना को भी,
टिल्लू जी ने ठोका।
सबने मिल कर खूब नशे में,
की वह मारा भारी।
डरी-डरी सी देखे बहना,
डरी-डरी महतारी ।।
लोगों ने नाटक देखा तो,
बात समझ में आई ।
नशा छोड़ने में ही सबको,
अपनी लगी भलाई ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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