हिन्दी कविता कोश में प्रस्तुत है स्तुति राय की कविता "एक ठहरी हुई बात" पढ़े और साझा करें।
Stuti Rai Poetry in Hindi
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Hindi Poetry by Stuti Rai
एक ठहरी हुई बात
तुम
सब कुछ जान लेना चाहतें हों
लेकिन
कुछ बातें
मैं तुम्हें कभी नहीं बताऊंगी
क्योंकि
उन बातों में मेरी प्रेमिल ईर्ष्या
छूपी है
वो बातें जिनका उत्तर मुझे
हर वक्त पता होता है
वो बातें जिनका
परिणाम मुझे हमेशा पता होता है
वो बातें
जो सिर्फ बातें होती हैं
मेरे मन की,
या कि एक भाव होता है
मेरे हृदय का, जिसे मुझे तक
रहने दो
मुझे में ही विलीन हो जाने दो
अगर किसी रोज़
तुम तक पहुंची तो
मेरे प्रेम की व्यथा कम हो जाएगी
मैं नहीं चाहती
पीड़ाओं का कम होना
आंखों की नमी का सुख जाना
इंतजार का ख़त्म होना
इसलिए
कुछ बातें
तुम तक सफ़र ना करें तो अच्छा है
एक लम्बा रास्ता
और एक ठहरी हुई बात।
- स्तुति राय
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