एक ठहरी हुई बात : स्तुति राय की कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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हिन्दी कविता कोश में प्रस्तुत है स्तुति राय की कविता "एक ठहरी हुई बात" पढ़े और साझा करें।

Stuti Rai Poetry in Hindi

Stuti Rai Poetry in Hindi

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Hindi Poetry by Stuti Rai

एक ठहरी हुई बात

तुम 

सब कुछ जान लेना चाहतें हों

लेकिन 

कुछ बातें 

मैं तुम्हें कभी नहीं बताऊंगी 

क्योंकि 

उन बातों में मेरी प्रेमिल ईर्ष्या 

छूपी है 

वो बातें जिनका उत्तर मुझे

हर वक्त पता होता है 

वो बातें जिनका 

परिणाम मुझे हमेशा पता होता है 

वो बातें 

जो सिर्फ बातें होती हैं 

मेरे मन की,

या कि एक भाव होता है 

मेरे हृदय का, जिसे मुझे तक

रहने दो 

मुझे में ही विलीन हो जाने दो 

अगर किसी रोज़ 

तुम तक पहुंची तो 

मेरे प्रेम की व्यथा कम हो जाएगी 

मैं नहीं चाहती 

पीड़ाओं का कम होना 

आंखों की नमी का सुख जाना 

इंतजार का ख़त्म होना 

इसलिए 

कुछ बातें 

तुम तक सफ़र ना करें तो अच्छा है 

एक लम्बा रास्ता 

और एक ठहरी हुई बात।


- स्तुति राय

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