रिश्तों के विषय पर निधि मानसिंह की बेहतरीन कविता : रिश्तों का संसार

Dr. Mulla Adam Ali
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कविता कोश में कैथल, हरियाणा से निधि मानसिंह की कविता रिश्तों पर लिखी सुंदर कविता "रिश्तों का संसार" पढ़े और साझा करें।

World Of Relationships Poem by Nidhi Maansingh

World Of Relationships Poem

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हिन्दी कविता संसार के रिश्तों पर सुंदर कविता

रिश्तों का संसार

क्यूँ? रिश्तों के

संसार मे मैंने 

हमेशा खुद को

अकेला पाया।


धूप ही धूप चली

हरदम मै!

बस! एक तलाश ही

रह गई छाया।


अपनें बेगानों ने तो

कभी समझा ही

नही मुझे,


प्यार और दोस्ती

ने भी कहा मेरा

साथ निभाया।


छूटें सब रिश्ते नाते

छूटें सब यार दोस्त

साथ रह गया

सिर्फ मेरा साया।


- निधि "मानसिंह"

कैथल, हरियाणा

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