Poem on Summer Season in Hindi by Dr. Parshuram Shukla Hindi Pratinidhi Bal Kavitayein for Kids Poems in Hindi Garmi Par Kavita for Childrens in Hindi.
Garmi Aayi Bal Kavita In Hindi
गर्मी आई हिंदी बाल कविता : गर्मी की कविताएं, हिन्दी प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से डॉ. परशुराम शुक्ल की बाल कविता गर्मी आई। बच्चों के लिए मजेदार गर्मी की कविताएं हिंदी में सुनिए मनोरंजक बाल गीत गर्मी के विषय पर शिकाप्रद और रोचक बाल कविताएं।
गर्मी के विषय पर कविता
गर्मी आई
गर्मी आई गर्मी आई,
भागे कम्बल और रजाई ।
सूरज बना आग का गोला,
उगल रहा शोले पर शोला,
नदिया ताल तलैया सूखे,
पशु-पक्षी सब मरते भूखे,
लू के तेज थपेड़े चलते,
पैर सड़क पर रखते जलते ।।
आता है दिनरात पसीना,
कठिन हो गया अब तो जीना ।
भूले सब अपनी चतुराई,
गर्मी आई गर्मी आई ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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