Man Karta Hai Hindi Kids Poem by Dr. Parshuram Shukla Poetry for Childrens in Hindi Pratinidhi Bal Kavitayein, Hindi Bal Kavita Kosh Poetry in Hindi
Man Karta Hai Children's Poem
हिन्दी बाल कविता मन करता है : बच्चे ओस की बूंद की तरह निर्मल होते है, वे बहुत अच्छे और साथ में शरारती भी होते है, उनका मन कभी भी कुछ न कुछ करने को कहता है जैसे खेल कूद, पढ़ना, लिखना, वर्षा में जाना, घूमना आदि। आज आपके लिए प्रस्तुत है बच्चों के मन के विषय पर बेहतरीन बाल कविता मन करता है, प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से संग्रहित डॉ. परशुराम शुक्ल की बाल कविताएं।
Hindi Kavita Man Karta Hai
मन करता है
मन करता है पंख लगाकर,
पक्षी सा उड़ जाऊँ ।
मस्त पवन के संग में डोलूँ,
नभ में गोता खाऊँ ।
मन करता है मछली बनकर,
सागर में खो जाऊँ ।
जलपरियों संग नाचूँ गाऊँ,
लहरों पर सो जाऊँ ।
मन करता है भौंरा बन कर,
फूलों पर मँडराऊँ ।
रंग-बिरंगी इस दुनिया में,
जी भर मौज मनाऊँ ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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