Jayanti Special : Munshi Premchand Posters with Photo and Quotes

Dr. Mulla Adam Ali
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आज 31 जुलाई महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष 12 अनमोल विचार हिन्दी में प्रस्तुत है, प्रेमचंद जन्मदिन पर बधाई संदेश पोस्टर यहां पर आपके लिए दिए गए हैं।

Munshi Premchand Jayanthi

Munshi Premchand Jayanti Poster Making Ideas

जयंती विशेष : कथा सम्राट प्रेमचंद के 12 अनमोल वचन और पोस्टर : Munshi Premchand Jayanti Poster Quotes

मुंशी प्रेमचंद का जन्म एक गरीब परिवार में 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के समीप लमही गांव में हुआ, उनका बचपन का नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, मानसरोवर नाम से प्रेमचंद के लगभग 300 कहानियां संकलित है, उनके उपन्यास गोदान हिन्दी का सर्वश्रेष्ठ उपन्यास माना जाता है, गबन, निर्मला, सेवासदन, कायाकल्प, प्रतिज्ञा, रंगभूमि, कर्मभूमि, मंगलसूत्र, प्रेमाश्रय आदि उनके अन्य उपन्यास है, बूढ़ी काकी, बड़े भाई साहब, ईदगाह, कफन, ठाकुर का कुंआ, दो बैलों की कथा आदि उनके प्रमुख कहानियां है। प्रेमचंद हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में अत्यंत लोकप्रिय हैं। प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट कहा जाता है, कलम के सिपाई नाम उनके पुत्र अमृत राय ने दिया। प्रेमचंद का निधन 8 अक्टूबर 1936 को हुआ।

Munshi Premchand Jayanti Photos and Poster

Munshi Premchand

Munshi Premchand Birthday Poster

मुंशी प्रेमचंद हिंदी में लिखने से पहले उर्दू में नवाब राय नाम से विख्यात है, उनका पहला कहानी संग्रह 'सोज़े वतन' उर्दू में लिखा गया था, इस कहानी संग्रह में देश प्रेम और आजादी के बारे में पांच कहानियां हैं। 'सोज़े वतन' की लोकप्रियता के कारण उस समय ब्रिटिश सरकार ने इस कहानी संग्रह को जब्त कर लिया था।

Munshi Premchand Jayanthi

Premchand Jayanthi Quotes Poster

मुंशी प्रेमचंद एक अच्छे कहानीकार और उपन्यासकार ही नहीं बल्कि अध्यापक, पत्रकार और संपादक भी है, जागरण और हंस पत्रिका का संपादन कार्य भी प्रेमचंद ने किया।

Munshi Premchand Quotes

Munshi Premchand Quotes in Hindi

फिल्मों में पटकथा लिखने प्रेमचंद तीन वर्ष तक मुंबई में रहे, फिर जीवन के अंतिम दिनों में साहित्यिक सेवा में लगे रहे, गोदान उनका अंतिम महत्वपूर्ण सम्पूर्ण उपन्यास है, मंगलसूत्र उनका अंतिम अपूर्ण उपन्यास है।

Munshi Premchand

मुंशी प्रेमचंद जयंती पोस्टर कोट्स हिंदी

गोदान मुंशी प्रेमचंद का महत्वपूर्ण उपन्यास है, गोदान भारतीय किसान जीवन का दस्तावेज माना जाता है, इस उपन्यास में प्रेमचंद ने होरी के माध्यम से संपूर्ण भारतीय किसान का यथार्थ चित्रण किया है।

Munshi Premchand

मुंशी प्रेमचंद जन्म जयंती पर फ़ोटो पोस्टर

प्रेमचंद ने तीन नाटकों रचना की 1. संग्राम (1923), 2. कर्बला (1924), तथा 3. प्रेम की वेदी (1933), मुंशी प्रेमचंद कविताएं नहीं लिखी। प्रेमचंद के कुछ निबंध पुराना जमाना नया जमाना, स्वराज के फायदे, कहानी कला, जीवन में साहित्य का स्थान, महाजनी सभ्यता, हिन्दी-उर्दू की एकता adim

Munshi Premchand

प्रेमचंद Poster Making Ideas in Hindi

मुंशी प्रेमचंद एक अनुवादक के रूप भी काफी सफल रहे, प्रेमचंद ने जिनको पढ़ा या प्रभावित हुए उनकी कृतियों का अनुवाद भी किया। उन्होंने 'टॉलस्‍टॉय की कहानियाँ' (1923), गाल्‍सवर्दी के तीन नाटकों का हड़ताल (1930), चाँदी की डिबिया (1931) और न्‍याय (1931) नाम से अनुवाद किया। प्रेमचंद ने बाल साहित्य पर भी रामकथा, कुत्ते की कहानी, दुर्गादास लिखा है। विचार : प्रेमचंद : विविध प्रसंग, प्रेमचंद के विचार (तीन खण्डों में)

Munshi Premchand Poster

Munshi Premchand : The Emperor of Hindi Novels

प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में किरदारों के माध्यम से समाज में घटित घटनाओं का यथार्थ चित्रण किया है। समाज में गरीब, शोषित, पीड़ित, दलित, वंचित आदि लोगों का आवाज बनकर प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में जमींदारों के खिलाफ आवाज उठाई।

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Kalam Ke Sipahi Munshi Premchand

प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में किसान, दलित, महिलाएं आदि सभी का आवाज बनकर उनको जगह दी, उस समय समाज में व्याप्त कुरुतियों, दुराचारों के खिलाफ अपनी रचनाओं के जरिए प्रेमचंद ने आवाज उठाई। कल्पनिकता को जगह न देकर, यथार्थ जीवन का चित्रण अपनी कहानियों और उपन्यासों में चित्रित किया।

Kalam Ke Sipahi Munshi Premchand

मुंशी प्रेमचंद जनवादी साहित्य परंपरा के महान लेखक

युग प्रवर्तक रचनाकार है मुंशी प्रेमचंद, उनकी रचनाओं में उस समय का इतिहास को बया करता है, वे हिंदी के ऐसे उपन्यासकार है जिन्होंने तिलस्मी और ऐयारी से बाहर निकलकर यथार्थ चित्रण किया। उनके रचनाओं में साधारण जन की भावनाओं, समस्याओं को स्थान दिया।

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुंशी प्रेमचंद

मुंशी प्रेमचंद की राचानों की लोकप्रियता देश में ही नहीं विदेशों में भी है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रेमचंद की रचनाओं का महत्व है, आज विश्वभर में प्रेमचंद को पढ़ने वाले हमें देखने को मिलते हैं, साम्राज्यवाद, पूँजीवाद और सामंतवाद के खिलाफ आवाज उठाने वाले हर एक प्रेमचंद को पढ़ते है और समझते हैं क्योंकि प्रेमचंद की रचनाओं में जीवन की विविध समस्याओं का चित्रण हुआ है।

Munshi Premchand poster hindi

Munshi Premchand Birth Anniversary Poster

प्रेमचंद की भाषा जन साधारण सर और व्यवहारिक है। साधारण पढ़े लिखे लोग भी प्रेमचंद को आसानी से समझ सकते हैं, प्रेमचंद ने अपनी कहानियों और उपन्यासों में आवश्यकता के अनुसार अंग्रेजी, फारसी और उर्दू शब्दों का भी प्रयोग किया है। भावों के अनुकूल भाषा का प्रयोग प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में किया है।

Munshi Premchand

Munshi Premchand Poster Designs

मुंशी प्रेमचंद जयंती पर पोस्ट बनाए, कैनवा पर जाए और प्रेमचंद के फ़ोटो पीएनजी को लेकर एक अच्छे अनमोल विचार के साथ पोस्टर डिजाइन करें, मुंशी प्रेमचंद के अनमोल विचार के साथ यह पोस्टर आप कैन्वा या अन्य फ़ोटो ऐप के माध्यम से बना सकते है।

मुंशी प्रेमचंद

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FAQ;

1. प्रेमचंद का बचपन का नाम क्या था?

Ans. प्रेमचंद का बचपन का नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, उनका जन्म काशी के समीप लमही गांव में 31 जुलाई 1880 को हुआ था।

2. प्रेमचंद ने उर्दू में किस नाम से लिखते थे?

Ans. प्रेमचंद उर्दू में नवाब राय नाम से मशहूर है, 

3. प्रेमचंद के संतान के नाम क्या है?

Ans. प्रेमचंद के तीन संतान हैं श्रीपत राय, अमृत राय और कमला देवी श्रीवास्तव (बेटी), अमृतराय आधुनिक कहानीकार थे कलम का "सिपाही" नामक पुस्तक पर साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिल चुका है।

4. प्रेमचंद की पत्नी का नाम बताओ?

Ans. 1906 में प्रेमचंद का दूसरा विवाह बाल-विधवा शिवरानी देवी से हुआ। प्रेमचंद घर में शीर्षक पुस्तक भी लिखी।

5. प्रेमचंद की किस कहानी संग्रह को अंग्रेज सरकार ने जब्त किया था?

Ans. प्रेमचंद की उर्दू कहानी संग्रह सोजे वतन को अंग्रेज सरकार ने जब्त किया था।

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