नन्दनवन : 24 प्रतिनिधि बाल कविताएं

Dr. Mulla Adam Ali
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Nandanvan : Pratinidhi Bal Kavitayein

Nandanvan : Pratinidhi Bal Kavitayein

नंदनवन हिन्दी बाल कविताएं : डॉ. परशुराम शुक्ल की 24 बाल कविताएं प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से 1. प्रार्थना बाल कविता 2. बाल कविता जागो प्यारे 3. खेलो-कूदो बाल गीत 4. बाल कविता हम बच्चे 5. बच्चों के लिए कविता उपहार 6. बाल गीत मन करता है 7. बाल कविता इन हिन्दी दादी पूड़ी खाती है 8. सबसे अच्छे बाल कविता 9. बाल कविता घर संसार 10. बाल कविता आंख, कान, नाक, मुंह 11. बाल कविता दादा जी 12. बाल गीत मेरा घोड़ा 13. बाल कविता हिंदी चिड़ियां रानी 14. बंदर मामा बाल कविता 15. नंदनवन बाल कविता 16. हक्का-बक्का बाल कविता 17. मछली रानी बाल कविता 18. हरदम हमें डराता बाल कविता 19. हाथी का बच्चा बाल कविता 20. लोमड़ी और अंगूर बाल कविता 21. चुहिया रानी बाल कविता 22. मिट्टी के महल बाल कविता 23. बाल कविता फूल 24. बाल कविता पुस्तक महिमा। शिक्षाप्रद बाल कविताएं, रोचक बाल कविताएं, जानवरों पर बाल कविताएं, मजेदार बाल कविताएं पढ़े और शेयर करें।

Children Poems Nandanvan in Hindi

नन्दनवन

Prarthana Bal Kavita In Hindi

1. प्रार्थना

हे ! विद्या की देवी मुझको,

तुम विद्वान बनाओ ।

मेरे साथ सभी बच्चों के,

मन में ज्योति जलाओ ।।

जो अज्ञान भरा है भीतर,

उसको आज मिटाओ ।

पढ़-लिख कर हम बन जाएँ कुछ,

ऐसा ज्ञान बढ़ाओ ।।


Jago Pyare Bal Kavita In Hindi

2. जागो प्यारे

भोर हुई सूरज ने लाली,

जग में चारों ओर बिछाई ।

चिड़ियाँ चहक उठीं पेड़ों पर,

मुर्गे ने भी बाँग लगाई ।।

तभी परी सपनों में आकर,

पहले धीरे से मुसकाई ।

फिर बोली वह हाथ पकड़कर,

जागो प्यारे कृष्ण कन्हाई ।।


Khelo - Kudon Bal Kavita In Hindi

3. खेलो-कूदो

प्रतिदिन सबसे पहले उठकर,

प्रभु के सम्मुख शीश झुकाओ ।

स्वच्छ साफ हो बस लेकर,

फिर विद्यालय पढ़ने जाओ ।।

विद्यालय से लौट शाम को,

पहले होमवर्क निपटाओ ।

इसके बाद करो जो मन हो,

खेलो, कूदो, मौज उड़ाओ ।।


Hum Bachhe Bal Kavita In Hindi

4. हम बच्चे

दादा-दादी को सर्दी का,

मौसम नहीं सुहाता ।

गर्मी में मम्मी-पापा को,

खूब पसीना आता ।

बरसातों में छींक छींक कर,

ये चारों थक जाते,

हम बच्चे खुश रहते हमको,

मौसम नहीं सताते ।।

Nandanvan : Pratinidhi Bal Kavitayein

Bal Kavita Upahar in Hindi

5. उपहार

मम्मी देखो पास हमारे,

बिजली वाली कार ।

जाऊँगा मैं रोज घूमने

दिल्ली के बाजार ।

वहाँ खरीदूँगा मैं जाकर,

नये खिलौने चार ।

सोनू, मोनू, नीता, गीता,

को दूंगा उपहार ।।


Man Karta Hai Children's Poetry

6. मन करता है

मम्मी मन करता है मेरा,

पक्षी बन उड़ जाऊँ

बैठ पेड़ पर कोयल जैसा,

मीठा गाना गाऊँ ।

रोज तितलियों को पकहूँ मैं,

झरनों बीच नहाऊँ ।

दिनभर मस्ती करूँ रात में,

सपनों में खो जाऊँ ।।


Dadi Poodi Khati Hai Bal Kavita

7. दादी पूड़ी खाती है

आती है, जी आती है।

छुक-छुक गाड़ी आती है।

जाती है जी जाती है ।

दीदी पढ़ने जाती है।

लाती है जी लाती है ।

मम्मी सब्जी लाती है ।

खाती है जी खाती है ।

दादी पूड़ी खाती है।


Sabse Achhe Bal Kavita

8. सबसे अच्छे

थोड़ा-थोड़ा राजा अच्छा,

थोड़ी-थोड़ी रानी।

इन दोनों से नानी अच्छी,

कहती रोज कहानी।

थोड़े-थोड़े पापा अच्छे,

थोड़ी-थोडी मम्मी ।

सबसे अच्छे दादा-दादी,

रोज कराते घुम्मी ।।


Ghar Sansar Bal Kavita

9. घर संसार

छोटा सा प्यारा-प्यारा है,

देखो अपना घर-संसार ।

मम्मी, पापा, भैया, दीदी,

सब करते आपस में प्यार।

मम्मी रोज बनाती खाना,

पापा जाते हैं बाजार ।

अपना काम सभी करते हैं,

कभी नहीं करते तकरार ।।

Nandanvan : Pratinidhi Bal Kavitayein

Aankh, Kan, Nak, Muh Bal Kavita

10. आँख, कान, नाक, मुँह

आँखों से सब टीवी देखें,

सुनें कान से गाना।

नाक बता देती है सबको,

लड्डू का घर आना।

मुँह से पूछा तो वह बोला-

सबको नहीं बताना।

मुझको तो अच्छा लगता है,

दूध मलाई खाना ।।


Dada Ji Bal Kavita In Hindi

11. दादा जी

दादा जी बीमार हुए तो,

थोड़ा सा घबराए ।

फौरन जाकर पापा से दो,

कै पसूल ले आए।

बोले दोनों कैपसूल मैं,

सुबह-शाम ले लूँगा।

और नियम से गुल्ली-डंडा,

कल से मैं खेलूँगा ।।


Mera Ghoda Bal Kavita

12. मेरा घोड़ा

मेरा घोड़ा बड़ा निराला,

सरपट दौड़ लगाता है ।

जहाँ न पहुँचे मोटर गाड़ी,

वहाँ मुझे पहुँचाता है ।

ऊँचे-नीचे घाटी पर्वत,

सबकी सैर कराता है।

लेकिन जब मन होता उसका, 

टट्टू सा अड़ जाता है ।।


Chidiya Rani Bal Kavita

13. चिड़िया रानी

चींची करती चिड़िया रानी,

मेरे घर आ जाती है ।

दाना-तिनका जो भी मिलता,

बड़े प्रेम से खाती है।

कभी बैठती है खिड़की पर,

कभी पेड़ पर गाती है।

और रात होने के पहले,

घर जाकर सो जाती है ।।


Lomdi aur Angoor Bal Kavita

14. लोमड़ी और अंगूर

लगी कूदने देख-देख कर,

अंगूरों के मीठे गुच्छे ।

उसे सुबह से शाम हो गई,

दाँव लगाये अच्छे-अच्छे ।

सारी अकल लगाती फिर भी,

अंगूरों तक पहुँच न पाती।

अन्त समय खिसिया कर बोली-

मैं खट्टे अंगूर न खाती ।।

Nandanvan : Pratinidhi Bal Kavitayein

Bandar Mama Bal Kavita

15. बन्दर मामा

बन्दर मामा पहन पजामा,

जा पहुँचे ससुराल ।

सर पर पगड़ी नीली पीली,

कुर्ता पूरा लाल ।

हलुआ, पूड़ी, दूध, मलाई,

छककर खाया माल ।

गुब्बारे सा पेट हुआ जब,

हाल हुए बेहाल ।।


Nandanvan Bal Kavita

16. नन्दनवन

शेर, लोमड़ी, भालू, बन्दर,

चीतल, गैंडा, हाथी।

सभी प्रेम से मिलकर रहते,

नंदनवन के साथी ।

बड़े सवेरे उठकर अपने,

काम सभी निपटाते ।

और रात होने के पहले,

सब के सब सो जाते ।।


Hakka-Bakka Bal Kavita

17. हक्का-बक्का

शेर, लोमड़ी, भालू, बन्दर,

बल्ला, लेकर आये ।

और सभी ने मिलकर पूरे,

रन उन्नीस बनाये ।

फिर छोटी चींटी रानी ने,

मारा ऐसा छका।

शेर, लोमड़ी, भालू, बन्दर,

सारे हका-बका।।


Machli Rani Bal Kavita

18. मछली रानी

रिमझिम रिमझिम बरसे पानी ।

जल में नाचे मछली रानी।

मेरी मछली सबसे न्यारी।

सबसे सुन्दर, सबसे प्यारी।

साथ मछलियाँ रंग-बिरंगी।

और बहुत से साथी-संगी।

सबमिल हरदम धूम मचाते ।

हँसते, गाते, खुशी मनाते ।।


Hardam Hame Darata Bal Kavita

19. हरदम हमें डराता

बूढ़ा भालू कोट पहनकर,

ढपली रोज बजाता।

गधा उठाकर अपनी गर्दन,

ऊँचे सुर में गाता ।।

मोर, देखकर काले बादल,

अपना नाच दिखाता।

लेकिन कालू खों-खों करके,

हरदम हमें डराता ।।

Nandanvan : Pratinidhi Bal Kavitayein

Hathi Ka Bachha Bal Kavita

20. हाथी का बच्चा

पापा मैंने ड्राइंग बुक में,

हाथी एक बनाया।

हाथी के ऊपर हाथी के,

बच्चे को बैठाया ।।

हाथी का बच्चा हाथी पर,

ऊधम खूब बचाता ।

और कभी वह सूँड उठाकर,

छोटे पत्ते खाता ।।


Chuhiya Rani Bal Kavita

21. चुहिया रानी

चुहिया रानी बड़ी सयानी,

शाम ढले घर आती है।

कॉपी, बस्ता, कपड़े, कागज,

कुतर-कुतर कर खाती है।

चाहे जितना पीछे भागो,

नहीं पकड़ में आती है ।

लेकिन बिल्ली के डर से वह,

झट बिल में घुस जाती है ।।


Mitti Ke Mahal Bal Kavita

22. मिट्टी के महल

राधा, रूपा, रेखा, राजू,

सागर तट पर आये ।

सागर की गीली मिट्टी से,

सबने महल बनाये ।

एक लहर ने आकर उनके,

सारे महल गिराये ।

हँसते, गाते, शोर मचाते,

बच्चे वापस आये ।।


Fool Bal Kavita In Hindi

23. फूल

नीले, पीले, लाल, गुलाबी,

रंग-बिरंगे प्यारे फूल।

बागों में खुशबू फैलाते,

सारे जग से न्यारे फूल।

बेला और गुलाब, चमेली,

हँसते गाते सारे फूल।

किन्तु तोड़ने पर डाली से,

मुरझाते बेचारे फूल।


Pustak Mahima Bal Kavita

24. पुस्तक महिमा

पुस्तक की महिमा को जानों,

इनमें भरा हुआ है ज्ञान।

इनको पढ़कर बन सकते हो,

बच्चों तुम अच्छे इनसान ।

सबसे अच्छी मित्र पुस्तकें,

अपने मन में रखना ध्यान।

इनकी महिमा बड़ी निराली,

ये करतीं सबका कल्याण ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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