Bal Kavita Kosh In Hindi: मंगल ग्रह जाएँगे

Dr. Mulla Adam Ali
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Bal Kavita Mangal Grah Jayenge

Bal Kavita Mangal Grah Jayenge

Hindi Children's Poem on Mars

मंगल ग्रह जाएँगे


हाल देख कर वन उपवन के,

सारे पशु घबराये ।

मीटिंग करने इसी बात पर,

नदी किनारे आये ।।

सबसे पहले बोला हाथी,

'कैसे काम चलाऊँ ?

पेड़ कटे जंगल के सारे,

बोलो मैं क्या खाऊँ ?'

भालू गीदड, हिरन आदि के,

पैरों पड़े फफोले ।

कहाँ जाये हम ? कहाँ जायें हम ?

सब माइक पर बोलो ।।

तभी दुखी हो बन्दर बोला ।।

यहाँ न रह पाएँगे ।

मानव अभी मंगल पर,

मंगल ग्रह जाएँगे ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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