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Bal Kavita Shish Jhukate Hain
Childrens Poem Shish Jhukate Hain
शीश झुकाते हैं
भारतमाता के चरणो में,
शीश झुकाते हैं ।।
शस्य श्यामला भूमि हमारी,
देव भूमि कहलाती है।
इसकी महिमा गाते-गाते,
जिह्वा नहीं अघाती है।
धर्म अनेक दिये हों जिसने,
हम उसके गुण गाते हैं। शीश...
ईश्वर ने भी मानव बन कर,
इस धरती पर जन्म लिया।
कंस और रावण से पापी,
दुष्टों का संहार किया।
राम-कृष्ण-गौतम-नानक सब,
भारत के गुण गाते हैं। शीश...
कालिदास से लेकर मुझ तक,
सबने इसका रूप सजाया।
लेकर नाम शारदा माँ का,
भारत माँ का मान बढ़ाया।
सूर और तुलसी से कवि भी,
वैभव गीत सुनाते हैं। शीश...
वीर भगतसिंह बिस्मिल जैसे,
भारत माता के सपूत हैं।
सीमाओं पर लड़ने वाले,
सब भारत के देवदूत हैं ।
प्राणों की बलि देकर अपने,
अपना ध्वज फहराते हैं। शीश...
भारत माता के चरणों में,
शीश झुकाते हैं ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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