Bal Kavita In Hindi: शीश झुकाते हैं

Dr. Mulla Adam Ali
0

Children Poems in Hindi Shish Jhukate Hain, Bal Kavita Kosh, Hindi Poetry, Pratinidhi Bal Kavitayein, Dr. Parshuram Shukla Poetry in Hindi for Kids Poems.

Bal Kavita Shish Jhukate Hain

Bal Kavita Shish Jhukate Hain

Childrens Poem Shish Jhukate Hain

शीश झुकाते हैं


भारतमाता के चरणो में,

शीश झुकाते हैं ।।

शस्य श्यामला भूमि हमारी,

देव भूमि कहलाती है।

इसकी महिमा गाते-गाते,

जिह्‌वा नहीं अघाती है।

धर्म अनेक दिये हों जिसने,

हम उसके गुण गाते हैं। शीश...

ईश्वर ने भी मानव बन कर,

इस धरती पर जन्म लिया।

कंस और रावण से पापी,

दुष्टों का संहार किया।

राम-कृष्ण-गौतम-नानक सब,

भारत के गुण गाते हैं। शीश...

कालिदास से लेकर मुझ तक,

सबने इसका रूप सजाया।

लेकर नाम शारदा माँ का,

भारत माँ का मान बढ़ाया।

सूर और तुलसी से कवि भी,

वैभव गीत सुनाते हैं। शीश...

वीर भगतसिंह बिस्मिल जैसे,

भारत माता के सपूत हैं।

सीमाओं पर लड़ने वाले,

सब भारत के देवदूत हैं ।

प्राणों की बलि देकर अपने,

अपना ध्वज फहराते हैं। शीश...

भारत माता के चरणों में,

शीश झुकाते हैं ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

ये भी पढ़ें; Bal Kavita In Hindi: अपनी मंजिल पाते

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top