Children Poems in Hindi Aayi Sardi Aayi, Bal Kavita Kosh, Hindi Poetry, Pratinidhi Bal Kavitayein, Dr. Parshuram Shukla Poetry in Hindi for Kids Poems.
Aayi Sardi Aayi Bal Kavita
Childrens Poem Aayi Sardi Aayi
आई सर्दी आई
किट किट दाँत बजानेवाली,
आई सर्दी आई ।
भाग गये सब पतले चादर,
निकली लाल रजाई ।।
दादा, दादी, नाना, नानी,
सब सर्दी से डरते ।
धूप सेंकते, आग तापते,
फिर भी रोज ठिठुरते ।।
कोट पहन कर मोटा वाला,
पापा दफ्तर जाते ।
पहने टोपा, बाँधे मफलर,
सर्दी से घबरते ।।
मम्मी जी की हालत पतली,
उल्टी चक्की चलती।
हाथ पैर सब ठण्डे-ठण्डे,
मुँह से भाप निकलती ।।
लेकिन हम सब छोटे बच्चे,
कभी नहीं घबराते ।
मस्ती करते हैं सर्दी में,
दिन भर मौज मनाते ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
ये भी पढ़ें; Children's Poetry in Hindi: दादा की याद