Bal Kavita: भागी नींद हमारी

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem on Mosquito in Hindi, Hindi Children's Poems by Dr. Parshuram Shukla Hindi Pratinidhi Bal Kavitayein for Kids.

Bhagi Neend Hamari Kavita

Bhagi Neend Hamari Kavita

हिंदी बाल कविता भागी नींद हमारी : बच्चों के लिए एक मजेदार बाल कविता नींद के विषय पर, मच्छर के कारण नींद नहीं आती है, रातभर मच्छर हमें परेशान करके रख देते हैं, इसी विषय पर लिखी रोचक बाल कविता डॉ. परशुराम शुक्ल की प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से आपके लिए आज बाल कविता कोश में प्रस्तुत है, पढ़िए और साझा कीजिए।

Childrens Poem on Mosquito

भागी नींद हमारी


सुनकर मच्छर की शहनाई,

भागी नींद हमारी ।

घर के बाहर से भीतर तक,

राज इन्हीं का मानो ।

हम कितने लाचार हो गये,

तुम भी बच्चों जानो ।

बिस्तर पर मैं तड़प रहा हूँ,

आयी विपदा भारी । भागी...

सर्दी हो या भीषण गर्मी,

खुल कर हमला करते ।

पीते खून हमारा जी भर,

नहीं जरा भी डरते ।

आते ही वर्षा का मौसम,

बढ़ जाती बीमारी। भागी...

मच्छरदानी के भीतर भी,

कभी नहीं बच पाते ।

होकर कंधे पर सवार ये,

बड़ी शान से आते ।

याद हमें आ जाती अपनी,

मरी हुई महतारी। भागी...

कभी-कभी हम रात-रात भर,

ताली खूब बजाते ।

इस ताली से दस-बारह तक,

मच्छर भी मर जाते ।

लेकिन कैसे निपटें इनसे ?

इनकी संख्या भारी। भागी...

सुनकर मच्छर की शहनाई,

भागी नींद हमारी ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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