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Rakhi Par Bal Kavita
Children's Poem Raksha Bandhan
रक्षाबन्धन
आज बहन ने बड़े प्रेम से,
रंग बिरंगा चौक बनाया।
इसके बाद चौक के ऊपर,
अपने भैया को बैठाया ।।
रंग बिरंगी राखी बांधी,
फिर सुन्दर सा तिलक लगाया।
गोल गोल रसगुल्ला खाकर,
भैया मन ही मन मुस्काया ।।
थाल सजा कर दीप जला कर,
भाई की आरती उतारी।
मन ही मन में कहती बहना,
भैया रखना लाज हमारी ।।
करना सदा बहन की रक्षा,
भैया तुमको समझाता है ।
कच्चे धागों का यह बन्धन,
रक्षा बन्धन कहलाता है ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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