Bal Kavita: भारत जैसा सपना होगा

Dr. Mulla Adam Ali
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भारत जैसा सपना होगा


हम बच्चे हैं छोटे फिर भी,

जग से अन्याय मिटायेंगे ।

जिस घर में अँधियारा होगा,

उसमें प्रकाश फैलायेंगे ।।

जो जीवन भर करते मेहनत,

वे अपनी किस्मत पर रोते ।

जो खेतों में बोते अनाज,

वे अन्न बिना भूखे सोते ।।

सूखा, बाढ़, जलजले सब पर,

भारी भरकम टैक्स लगाते ।

खा जाते सब नेता अफसर,

पीड़ित कभी नहीं कुछ पाते ।।

यह कैसा दूषित प्रजातंत्र,

झूठा सब अहम् तुम्हारा है।

जनता गुलाम नेता स्वतंत्र,

मत भूलो राज हमारा है ।।

तुमको मत देकर मान किया,

अब हम परिवर्तन लायेंगे ।

सत्ता देकर सम्मान किया,

सत्ता से तुम्हें हटायेंगे ।।

हम बच्चों के नये राज में,

राज सभी का अपना होगा।

जिसमें हर भारतवासी का,

भारत जैसा सपना होगा।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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