Bal Kavita In Hindi: रक्षा करते

Dr. Mulla Adam Ali
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रक्षा करते


वीर सिपाही देश धर्म की,

रक्षा करते हैं ।।

हम भारत के वीर सिपाही,।

पथ पर बढ़ते जाते ।

कर्त्तव्यों की बलिवेदी पर,

हँस कर शीश चढ़ाते ।

देख हमारा साहस हमसे,

दुश्मन डरते हैं। रक्षा...

आँधी, पानी, तेज बवण्डर,।

देख नहीं घबराते ।

पर्वत, नदियाँ और समन्दर,

पार सभी कर जाते ।

अपने आगे बड़े-बड़े भी,

नहीं ठहरते हैं। रक्षा...

देशप्रेम का भाव बन चुका,

अब आदर्श हमारा।

सीमा पर टकराने वाला,

हरदम हमसे हारा।

जितने घाव लगे उतने हम,

और सँवरते हैं। रक्षा...

सीमा पर होते शहीद जब,

सुर नर शीश झुकाते ।

फूलों की वर्षा करते हैं,

श्रद्धा सुमन चढ़ाते ।

मार सैकड़ों दुश्मन तड़-तड़,

फिर हम मरते हैं। रक्षा...

वीर सिपाही देश की,

रक्षा करते हैं ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

ये भी पढ़ें; Bal Kavita In Hindi: शीश झुकाते हैं

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