Children's Poetry in Hindi: दादा की याद

Dr. Mulla Adam Ali
0

Children Poems in Hindi Dada Ki Yaad, Bal Kavita Kosh, Hindi Poetry, Pratinidhi Bal Kavitayein, Dr. Parshuram Shukla Poetry in Hindi for Kids Poems.

Bal Kavita Dada Ki Yaad

Bal Kavita Dada Ki Yaad

Children's Poem Memories of Grandfather

दादा की याद


चले गये क्यों दूर बहुत तुम,

छोड़ मुझे यूँ दादा।

तोड़ लिया क्यों रिश्ता मुझसे,

तोड़ दिया क्यों वादा ।।

तुम कहते थे बहुत दूर तक,

साथ तुम्हारा दूँगा।

जो भी काँटे मिले राह में,

मैं उनको कुचलूँगा ।।

तुम कहते थे पढ़ लिखकर तुम,

जग में नाम कताओ ।

जैसे तारे नील गगन में,

धरती पर छा जाओ ।

मैंने कहना मान तुम्हारा,

देखो सब कुछ पाया।

लेकिन खोकर तुमको दादा,

मन मेरा भर आया ।।

आज रो रहा हूँ मैं बैठा,

मुझको धैर्य बँधाओ ।

वैसे अगर नहीं आ सकते,

सपनों में आ जाओ ।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

ये भी पढ़ें; Children's Poetry in Hindi: जागो भाई

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top