Paisa Bal Kavita In Hindi, Children's Poetry in Hindi, Bal Kavita Kosh, Dr. Parshuram Shukla Poetry for Kids in Hindi.
Childrens Poem on Money in Hindi
पैसा बाल कविता : पैसों का महत्व हमेशा से बहुत ज्यादा रहा है, आजकल पैसों के बिना कुछ भी करना असंभव है, पैसा होता तो कुछ भी कर सकते हैं, पैसों की वजह से आज समाज में अनेक प्रकार के समस्याएं पैदा हो रहे है, बाप बेटे, भाई बहन, मां बेटा, पति पत्नी में पैसों को लेकर कुछ न कुछ झगड़े देखने को मिलते है, इसलिए कहा गया है कि सबसे बड़ा रुपैया। आज इसी पैसों के महत्व को समझाते हुए एक बाल कविता आपके सामने प्रस्तुत है डॉ. परशुराम शुक्ल की बाल कविता संग्रह प्रतिनिधि बाल कविताएं से संग्रहित ये पैसा कविता।
Bal Kavita Paisa in Hindi
पैसा
पापा-मम्मी, दादा-दादी,
सब कहते हैं ऐसा।
प्यार करो मत पैसे से तुम,
मैल हाथ का पैसा ।।
नहीं मानता हूँ मैं, लेकिन,
मत समझो नादानी ।
आज सुनाता हूँ मैं तुमको,
इसकी नई कहानी ।।
पैसापति पैसे के बल पर,
नई जिन्दगी पाते ।
और बिना पैसे वाले सब,
अपना खून बहाते ।।
पैसे के बल पर अपराधी,
राजनीति में आते ।
और लुटा कर अपना पैसा,
सर्वाधिक मत पाते ।।
पैसा चाँदी का जूता है,
शीश झुका सब खाते ।
इसीलिए सब दुनिया वाले,
पैसे के गुण गाते ।।
इसीलिए कहता हूँ बच्चो,
मेरा कहना मानो ।
पैसा बहुत बड़ी ताकत है,
इसको तुम पहचानो ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
ये भी पढ़ें; हिंदी बाल कविता : मानव
Poem on money in Hindi, Paison Par Kavita, Childrens Poetry, Kids Poems in Hindi, Rupaya Par Hindi Poem, Dr. Mulla Adam Ali, Hindi Language and Literature Blog, Children's Poetry Collection, Bal Kavitayein in Hindi, Bal Kavita Kosh.