Children's Poem on River in Hindi: नदी

Dr. Mulla Adam Ali
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Nadi Diwas Par Hindi Kavita

Poem on river in Hindi

Poem on World River Day in Hindi

विश्व नदी दिवस पर कविता

नदी


नदी निकलती है पर्वत से,

मैदानों में बहती है।

और अन्त में मिल सागर से,

एक कहानी कहती है।

बचपन में छोटी थी पर मैं,

बड़े बेग से बहती थी।

आँधी-तूफा, बाढ़-बवण्डर,

सब कुछ हँसकर सहती थी।

मैदानों में आकर मैंने,

सेवा का संकल्प लिया।

और बना जैसे भी मुझसे,

मानव का उपकार किया।

अन्त समय में बचा शेष जो,

सागर को उपहार दिया।

सब कुछ अर्पित करके अपने,

जीवन को साकार किया।

बच्चो ! शिक्षा लेकर मुझसे,

मेरे जैसे हो जाओ ।

सेवा और समर्पण से तुम,

जीवन बगिया महकाओ ।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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